रघुवर दास ने झारखंड के 10 वें वजीरे आला के तौर में हलफबरदारी ले ली। हलफबरदारी लेने के फौरन बाद वकीया का जायजा लेने शहर में निकल पड़े। लोगों से मिले। करमटोली में सफाई मुहिम की शुरुआत की। जाईफ पेंशन नहीं मिलने पर मेयर-पार्षद को फटकार लगायी। प्रोजेक्ट इमारत में अफसरों के साथ मुलाकात की। उन्हें कई टॉस्क दिये। शाम चार बजे नयी हुकूमत की पहली कैबिनेट बैठी। कई अहम फैसले लिये गये। रघुवर दास की कियादत में नयी हुकूमत ने खाली ओहदे को जल्द भरने, तमाम बेवाओं को पेंशन देने का फैसला लिया है। अफसरों को छोटे-छोटे जुर्म में लंबे वक़्त से जेल में बंद आदिवासी, पसमानदा जाति और दीगर लोगों का अदाद जमा करने की हिदायत दिया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद खुद वजीरे आला रघुवर दास सहाफ़ियों के सामने आये। बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा तमाम डीसी को हिदायत दिया गया है कि वे छोटे-छोटे ज़्रायम में अपने-अपने इलाक़े की जेलों में बंद लोगों का तौसिह ब्योरा कैबिनेट की अगली बैठक में पेश करें। अगली बैठक में इस पर तजवीज कर दस्तूरुल अमल कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने बताया बैठक में कानून निजाम को मजबूत करने और मुजरिमों से सख्ती से निबटने का फैसला लिया गया है। इत्तिला मिल रही है कि साल 2011 में लागू सर्विस की गारंटी के हक़ का अमल नहीं हो रहा है। हुकूमत इसे सख्ती से लागू करायेगी। इससे लोगों के पैदाइश र ज़ात सर्टिफिकेट जैसे छोटे-छोटे काम मुकर्रर वक़्त में पूरा हो सकेंगे। अफसरों से कहा गया है कि ब्लॉक में जाकर इसकी तजवीज करें। हुकूमत इंतेजामिया को जवाबदेह बनाने के लिए करारदार है. समाजी तहफ्फुज का दायरा बढ़ा।
वजीरे आला ने बताया हर एक महकमा में अवामी शिकायत सेल बनाने का फैसला किया गया है। अवाम से जुड़ी शिकायतों का दूर किया जायेगा। इस काम के लिए मुलाज़िमीन की कमी होने पर मूआहिदे की बुनियाद पर तकर्रुरी की जायेगी। उन्होंने कहा समाजी तहफ्फुज का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब तमाम बेवाओ और आदिम जनजाति के लोगों को इसका फाइदा मिलेगा। बेवा पेंशन के लिए उम्र की मुद्दत को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा रियासत के तमाम डीसी को गरीबों के दरमियान कंबल तक़सीम शुरू करने की हिदायत दिया गया है। रियासत में इंतिख़ाब को लेकर जारी ज़ाब्ता कानून लागू होने की वजह से गरीबों के दरमियान कंबल की तक़सीम नहीं हो सकता था।