मुहसिन हसन ख़ान ने मिसबाह-उल-हक़ के मुक़ाम ( जगह) पर मुहम्मद हफ़ीज़ को टवन्टी 20 कप्तान बनाने की मुख़ालिफ़त करते हुए कहा है कि अगर मिसबाह-उल-हक़ की सबकदोशी नागुज़ीर थी तो शाहिद आफ़रीदी ही कप्तानी के लिए मौज़ूं थे। ख़ुसूसी इंटरव्यू में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के साबिक़ कोच और चीफ़ स्लैक्टर ने कहा कि टवन्टी 20 वर्ल्ड कप से चंद माह क़बल ( पहले) मिसबाह को कप्तानी से हटाना ग़ैर ज़रूरी था।
मिसबाह के बाद शाहिद आफ़रीदी को क़ियादत सौंपी जानी चाहिए थी। बोर्ड ने मुहम्मद हफ़ीज़ को दो मैचों के लिए कप्तान बनाकर उन पर दबाव डाल दिया है, कप्तानी देनी ही थी तो वर्ल्ड कप तक दी जाती। वाटमोर का तक़र्रुर दो साल के लिए करना अच्छा फ़ैसला है। कोच का काम मंसूबा बंदी करना है जबकि ग्राउंड में इस पर अमल करना कप्तान का काम है।
जब मैं चीफ़ स्लेक्टर था, एक मर्तबा वक़ार यूनुस ने मेरे काम में मुदाख़िलत करने की कोशिश की, मैंने प्रेस कान्फ्रेंस कर दी और बोर्ड ने वक़ार यूनुस को मुदाख़िलत से रोक दिया। श्रीलंका में कंडीशन्स बैटिंग के लिए साज़गार नहीं, बाअज़ ( कुछ) औक़ात एक सौ रन भी काफ़ी होते हैं। हमें खिलाड़ियों पर ग़ैर ज़रूरी तन्क़ीद के बजाय उन की हौसला अफ़्ज़ाई करनी चाहिए।