हैदराबाद: ग्रेटर हैदराबाद मजलिस बलदिया के इंतेख़ाबात में रियासत की बरसर-ए-इक्तेदार पार्टी टीआरऐस मामूली तादाद में भी वोटों से महरूम होने को तैयार नहीं है। पार्टी को शायद ये एहसास है कि इन इंतेख़ाबात में कामयाबी का फ़र्क़ सिर्फ चंद हज़ार बल्कि चंद सौ ववटस ही हो सकते हैं।
ये एहसास करते हुए कि आज़ाद और बाग़ी उम्मीदवार पार्टी के इम्कानात पर कुछ हद तक असर-अंदाज़ हो सकते हैं पार्टी की जानिब से इस बात को यक़ीनी बनाने कोई कसर बाक़ी नहीं रखी जा रही है कि ये उम्मीदवार किसी तरह का मुक़ाबले ना कर सकें। हालाँकि नामज़दगियों से दसतबरदारी की आहरी तारीख़ ख़त्म हो चुकी है टी आर एस की क़ियादत इस बात को यक़ीनी बनाने जद्द-ओ-जहद कर रही कि ये बाग़ी वोटों की तक़सीम की वजह ना बन जाएं।
वज़ीर आई टी के टी रामा राव ने पार्टी के120 बाग़ी उम्मीदवारों से ख़ुद मुलाक़ात की है और उन्हें दसतबरदारी की तरग़ीब दी है। ये फ़ार्मूला कामयाब रहा है और पार्टी का कहना है कि उसने90 फ़ीसद बाग़ीयों को मुक़ाबला से दस्तबरदार करवा लिया है। ज़राए का कहना है कि आज़ाद और दूसरी जमातों के बागियों के मामले में भी यही हिक्मत-ए-अमली कामयाब हो रही है। अगर कोई उम्मीदवार बड़ा लीडर है तो ऐसे उम्मीदवारों को पार्टी ओहदों की पेशकश की जा रही है और बाज़ को नामज़द ओहदों का लालच दिया जा रहा है|