कांग्रेस से किसी भी मुफ़ाहमत से इनकार करनेवाली टी आर एस को अब तेलंगाना में अपनी ताक़त की हक़ीक़त का अंदाज़ा होने लगा है। हालिया ओपीनियन पोल्स और वर्ंगल में तेलुगु देशम के प्रजा गर्जना और खम्मम में जगन मोहन रेड्डी के जल्सा-ए-आम को देखते हुए टी आर एस क़ियादत को महसूस होने लगा है कि तन्हा मुक़ाबला की सूरत में इक़तिदार का हुसूल मुम्किन नहीं लिहाज़ा कांग्रेस से मुफ़ाहमत की कोशिशों का दुबारा आग़ाज़ कर दिया गया।
बताया जाता हैके कई इलाक़ों में पार्टी का मौक़िफ़ कमज़ोर होने से मुताल्लिक़ इत्तेलाआत को देखते हुए टी आर एस क़ियादत मर्कज़ी वज़ीर ए के अनटोनी से रब्त में हैं ताकि मुफ़ाहमत के मसले पर मुज़ाकरात का अहया किया जा सके।
टी आर एस चन्द्र शेखर राव ने एक से ज़ाइद मर्तबा अवामी जलसों में कांग्रेस से मुफ़ाहमत के इमकानात को सिरे से ख़ारिज कर दिया था लेकिन ओपीनियन पोल्स के नताइज और दुसरे जमातों के मुज़ाहिरे को देखने के बाद टी आर एस क़ाइदीन ज़मीनी हक़ीक़त को तस्लीम करने पर मजबूर दिखाई दे रहे हैं।
अगरचे कांग्रेस ने भी तन्हा मुक़ाबले का एलान किया ताहम इस ने मुफ़ाहमत के इमकानात को खुला रखा है। बताया जाता है कि कांग्रेस क़ाइदीन ने मुफ़ाहमत के सिलसिले में बातचीत के लिए टी आर एस को 48घंटों का वक़्त दिया है।
चूँकि चन्द्र शेखर राव अपने बयानात के सबब रास्त तौर पर मुज़ाकरात के लिए कांग्रेस से रुजू होने के मौक़िफ़ में नहीं लिहाज़ा बताया जाता हैके पार्टी ने इस सिलसिले में सी पी आई रियासती सेक्रेटरी डॉ नारायना से मदद तलब की है।
उन से ख़ाहिश की गई कि वो दोनों पार्टीयों के दरमयान बेहतर रोल अदा करें। बताया जाता हैके टी आर एस ने मुफ़ाहमत की सूरत में लोक सभा की 6 और असेंबली की 60 नशिस्तों का मुतालिबा किया है लेकिन कांग्रेस के तेलंगाना क़ाइदीन इस के लिए तैयार नहीं। टी आर एस चीफ़ मिनिस्टर का ओहदा या फिर असेंबली की ज़ाइद नशिस्तों की मांग कररही है लेकिन कांग्रेस दोनों शराइत को क़बूल करने तैयार नहीं।