टी आर एस हुकूमत सलातीने आसिफ़िया की तारीख़ी यादगारों को मिटाने कोशां

तेलंगाना राष़्ट्रा समीती जो तेलंगाना तहरीक के दौरान आसिफ़ जाहि हुक्मरानों के कारनामों का खुले आम एतराफ़ करती रही लेकिन बरसरे इक्तेदार आने के बाद रवैया में अचानक तबदीली ने अवाम को हैरत में डाल दिया है।

सलातीने आसिफ़िया की तारीख़ी यादगारों को मुनहदिम करने की तैयारी के ज़रीए हुकूमत इस हुकूमत के नुक़ूश को मिटाने की कोशिश कर रही है दूसरी तरफ़ तेलंगाना के तालीमी निसाब में एक मख़सूस मज़हब के लिट्रेचर को शामिल करने की कोशिश की जा रही है।

होना तो ये चाहीए था कि तेलंगाना हुकूमत निसाबी कुतुब में मुस्लिम हुक्मरानों के कारनामों को शामिल करती जिसके फ़वाइद आज भी लाखों अफ़राद तक पहुंच रहे हैं।

तेलंगाना हुकूमत ने एक मुतनाज़ा फ़ैसला करते हुए पांचवीं जमात की निसाबी कुतुब में यादगिरी गुट्टा की क़दीम मंदिर और इस की तारीख़ को शामिल कर लिया है।

ये काम इंतिहाई ख़ामूशी से अंजाम दिया गया। चीफ़ मिनिस्टर चंद्र शेखर राव ने तिरूपति की तर्ज़ पर तेलंगाना में यादगीरी गुट्टा मंदिर को तरक़्क़ी देने का फ़ैसला किया है और इसके लिए एक वसीअतर मन्सूबा तैयार किया गया।

पांचवीं जमात की तेलुगु मीडियम निसाबी किताब में दूसरे सबक़ की हैसियत से यादगीरी गुट्टा की तारीख़ शामिल की गई है। तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले माहिरीन तालीम और बरसरे इक्तेदार पार्टी के क़ाइदीन की ज़िम्मेदारी है कि वो तेलंगाना में निसाबी कुतुब को मख़सूस मज़हबी रंग में रंगने की कोशिशों पर नज़र रखें।