कैंसर के आरिज़ा से मुक़ाबला के बाद डिसीप्लीन की पाबंदी । युवराज सिंह का इज़हार ख़्याल
नई दिल्ली 8 जुलाई ( एजैंसीज़ ) टीम इंडिया के ऑलराउंडर युवराज सिंह का मानना है कि कैंसर के मुक़ाबले के नतीजा में वो अपने आप में मज़बूत और डिसीप्लीन के पाबंद हुए हैं ताहम(फिर भी) उन्हों ने ये एतराफ़ भी किया कि केमोथेरापी के नतीजा में उन्हें याददाश्त का मसला दरपेश हुआ है ।
30 साला युवराज सिंह अपने फेफड़ों के दरमियान एक नादिर अलोक़वा ट्यूमर से सहतयाब हो रहे हैं। उन्हों ने कहा कि बीमारी के बाद ज़िंदगी से मुताल्लिक़ उनके ख़्यालात में तबदीली आ गई है । उन्हों ने कहा कि अब वो डिसीप्लीन के पाबंद और मुनज़्ज़म होगए हैं। वो रोज़ पूजा करते हैं और ख़ुद से और अपने जिस्म से इंसाफ़ करना सीख लिया है ।
उन्हों ने कहाकि उन्हें उम्मीद है कि वो जारीया साल सितंबर में श्रीलंका में होने वाले टुवेंटी 20 वर्ल्ड कप के ज़रीया क्रिकेट में वापसी कर सकें गे । उन्हों ने कहा कि जब आप कैंसर जैसे किसी मर्ज़ से मुक़ाबला करते हैं तो आप को अपने ख़ानदान की मुहब्बत और ताईद हासिल रहती है लेकिन ख़ुद मुक़ाबला करने आगे आना होता है ।
उन्हों ने कहा कि केमोथेरापी के बाद का वक़्त उन केलिए बहुत मुश्किल का था और बुनियादी क्रिकेट ट्रेनिंग के नतीजे में इन को हौसला बुलंद करने में मदद मिली है । उन्हों ने कहा कि वो अपनी याददाश्त से महरूम होचुके थे । वो अभी011 ही समझ रहे थे । उन्हें ग़िज़ा का ज़ायक़ा पता नहीं था । अब वो हरवक़त के खाने से लुतफ़ अंदोज़ होते हैं और दोनों फेफड़ों से सांस ले पा रहे हैं।
वो जानते हैं कि वो अच्छी तरह सहतयाब हो रहे हैं। टुवेंटी 20 वर्ल्ड कप में क्रिकेट में वापसी की कोशिश हक़ीक़त पसंदाना होसकती है ताहम(फिर भी) इस केलिए ज़रूरी है कि वो क्रिकेट खेलें । वो न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टुवेंटी 20 गेम्स में हिस्सा लेना चाहते हैं। हिंदुस्तान में न्यूज़ीलैंड की टीम 8 और 11 सितंबर को दो टुवेंटी 20 मेचस में हिस्सा लेने वाली है जबकि 18 सितंबर से श्रीलंका में वर्ल्ड कप होने वाला है ।
उन्हों ने कहा कि इबतदा-ए-में नेट प्रैक्टिस उन केलिए बहुत ख़ास रही । जहां वो पुरजोश थे वहीं नर्वस भी थे । उन का जिस्म एक तरह से टूट फूट गया था । उन के हौसले पस्त होगए थे लेकिन जब वो मैदान पर आए और प्रेक्टीस शुरू की तो उन के होसले वापिस होने लगे हैं। युवराज सिंह को गुज़िशता साल वर्ल्ड कप में शानदार कारकर्दगी पर मैन ओफ़ दी टूर्नामैंट क़रार दिया गया था जिस के बाद उन्हें कैंसर का आरिज़ा लाहक़ हुआ था जिस का उन्हों ने अमरीका में ईलाज करवाया ।