हैदराबाद 14 जनवरी: जदीद टेक्नोलोजी का इस्तेमाल दोस्ताना माहौल को फ़रोग़ देने की कोशिश और फ्रेंडली पुलिसिंग की पालिसी एसा लगता है कि सिर्फ आला ओहदेदारों के बयानात की हद तक ही महदूद हो गई है? चूँकि साइबराबाद ट्रैफ़िक पुलिस से अवाम को आए दिन एक नई शक्ल से हरासानी का सामना करना पड़ रहा है।
बग़ैर रक़म के जुर्माना पालिसी से काफ़ी हद तक राहत तो हासिल हुई लेकिन जब उस की अदायगी के लिए जो हिक्मत-ए-अमली इख़तियार की जा रही है वो यक़ीनन शहरीयों के लिए नाक़ाबिल बयान तकलीफ़-दह अमल है। जुर्मानों की अदायगी के लिए सख़्ती तो एक अमल है लेकिन जुर्मानों की वसूली में किसी और किसी सज़ा किसी और को ये अमल कहाँ तक दरुस्त है। लेकिन साइबराबाद ट्रैफ़िक पुलिस के लिए ये अमल मामूली नज़र आता है। उन्हें सिर्फ जुर्मानों की वसूली से मतलब है शहरी की तकलीफ़ और इस के मसाइल से उन्हें कोई परवाह नहीं।
एसा लगता है कि साइबराबाद का ट्रैफ़िक पुलिस अमला फ्रेंडली पोलिसिंग का मतलब जानता ही नहीं। या फिर उन्हें इसी फ्रेंडली पोलिसिंग पर अमल आवरी से बाज़ रखा गया है। एक एसा ही वाक़िया राजिंदरनगर के इलाके में पेश आया जहां टू व्हीलर गाड़ी को चलान के बाद उसे फोर व्हीलर गाड़ी के चालान की स्लिप थमादी गई और जुर्माना अदा करने तक उसी की टू व्हीलर गाड़ी को ज़बत कर लिया गया।
जुर्माना स्लिप थमाने वाले ओहदेदार से जब इस शहरी ने इस्तिफ़सार किया तो ओहदेदार ने शहरी की बात सुनने से इनकार कर दिया और झिड़कते हुए उसे चालान अदा करने के लिए कहा। ऑफ़िस को जाने में ताख़ीर के ख़ौफ़ से परेशान इस शहरी ने सब इंस्पेक्टर ट्रैफ़िक पुलिस की तरफ से दी गई जुर्मानों की रसीद को हासिल कर लिया और उसे अदा भी कर दिया। जुर्माना अदा करने के बाद हासिल शूदा रसीद को देखने के बाद जो फोर व्हीलर की थी इस शहरी को इस की मोटर साइकिल हवाले कर दी गई। अंसारी रोड मीर आलिम टैंक इलाके के साकिन एक शहरी के साथ ये वाक़िया पेश आया।
ये शख़्स प्रोफेसर जय शंकर एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी राजिंदरनगर में आउटसोर्सिंग की बुनियाद पर काम करता है। वो अपने रोज़ाना के मामूल की तरह मुलाज़मत के लिए दफ़्तर जा रहा थे कि उनकी मोटर साइकिल को रोक दिया गया और दस्ताविज़ात तलब किए गए। इस शहरी के पास पोल्लुशण और इन्शुरन्स नहीं था और ओहदेदार ने जुर्माना आइद कर दिया।