नई दिल्ली। दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने भारतीय टेस्ट खिलाडिय़ों की वेतन में इजाफा करने का फैसला किया है। वर्तमान में टेस्ट प्लेयर को एक मैच के खेलने के लिए 7 लाख रुपए मिलते है लेकिन बोर्ड ने अब इस वेतन को दोगुना से भी ज्यादा कर दिया है। नई सैलेरी के मुताबिक भारत की ओर से टेस्ट खेलने वाले प्रत्येक खिलाड़ी एक मैच के एवज में 15 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।
बीसीसीआई ने इन खिलाडिय़ों के साथ रिजर्व खिलाडिय़ों के वेतन में भी वृद्धि की है। प्रत्येक रिजर्व को खिलाड़ी को एक टेस्ट के लिए अब 7 लाख रुपए दिए जाएंगे। अभी रिजर्व प्लेयर्स को हर टेस्ट मैच के लिए 3.5 लाख रुपए मिलते है। वेतन को बढ़ाने की वजह के बारे में बताते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि हमारे लक्ष्या नए खिलाडिय़ों के बीच टेस्ट क्रिकेट को अधिक पॉपुलर बनाना है। हम टेस्ट क्रिकेट को प्रायोरिटी देना चाहते है। इसी के चलते हमने यह कदम उठाया है।
हालांकि बोर्ड अध्यक्ष ने इस बात से भी इनकार नहीं किया कि आजकल के युवा क्रिकेटर्स में टी-20 क्रिकेट को लेकर अधिक क्रेज है। लेकिन ठाकुर का मानना है कि उनकी इस नई पहल से खिलाडिय़ों में टेस्ट क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी जरूर बढ़ेगी। इससे पहले बीसीसीआई ने 2010 में वनडे मैच की फीस को 1.8 लाख से बढ़ाकर सीधे 4 लाख कर दी थी। वहीं टी-20 मैच की फीस को एक लाख से बढ़ाकर दो लाख की गई थी।
बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी की बीते शुक्रवार को मुंबई में मीटिंग हुई थी, जिसमें टेस्ट मैच की फीस दोगुना करने का फैसला लिया गया था। इस मीटिंग में नेशनल क्रिकेट एकेडमी के नए प्रेसिडेंट के चुनाव पर भी चर्चा की गई। हालांकि, वर्किंग कमेटी की मीटिंग में बोर्ड मेंबर्स लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अमल को लेकर किसी फैसले तक नहीं पहुंच सके। अब देखना यह है कि टेस्ट मैच की फीस पर बोर्ड के इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का क्या रवैया रहता है।