अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में बृहस्पतिवार को ट्रंप समर्थित आप्रवासन बिल को खारिज कर दिया गया। इस बिल में योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली और ग्रीन कार्ड में कंट्री कोटा हटाने के पेशकश की गई थी, जिससे भारत जैसे देशों से पेशेवर लोगों के कानूनी प्रवास में मदद मिलती है। बिल के खारिज होने से ट्रंप सरकार को करारा झटका लगा है।
रिपब्लिकन बहुल सदन में ही बिल के पक्ष में 301 के मुकाबले सिर्फ 121 वोट मिल सके। बॉर्डर सिक्युरिटी एंड इमीग्रेशन रिफॉर्म नाम के इस बिल को बॉब गुडलेट बिल के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस बिल को वर्जीनिया के रिपब्लिकन सांसद बॉब गुडलेट ने पेश किया था।
इस बिल के खारिज होने पर डेमोक्रेटिक सांसद व्हिप स्टेनी एच होयर ने कहा, एक बार फिर रिपब्लिकन नेता पक्षपातपूर्ण आप्रवासन बिल पास करने में असफल रहे। जबकि वोटिंग से पहले ट्रंप ने सांसदों से बिल के पक्ष में मतदान करने को कहा था। ट्रंप ने दावा किया कि इस बिल के पास होने से भारत जैसे देशों से योग्य पेशेवरों के लिए रास्ता खुलेगा और उनकी कानूनी प्रवास के लिए तेज प्रक्रियाएं सक्षम होंगी। इससे अयोग्य उम्मीदवारों की संख्या घटेगी।
पांच लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड का इंतजार
एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में करीब पांच लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड का इंतजार है। इस इंतजार में उन्हें हर साल अपने एच-1बी वीजा को बढ़ाने के लिए आवेदन करना पड़ता है। कई लोग दशकों से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं।
बिल पास होता तो लगता झटका
बिल पारित होने से परिवार आधारित आव्रजन पर अंकुश लग जाता। इससे अमेरिका में बसे भारतीय मूल के उन लोगों को झटका भी लग सकता था, जो अपने परिवार के अन्य सदस्यों को अमेरिका लाना चाहते हैं।