प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है डिजिटल इंडिया का। यही वजह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय समेत प्रत्येक विभाग सक्रिय है। ट्रेन का टिकट और पेमेंट को लगभग डिजिटल कर चुके रेलवे विभाग ने इस दिशा में एक और नया कदम उठाया है।
अब वह यात्रा कर रहे यात्रियों से हार्डकॉपी पहचान पत्र के अलावा उनकी सॉफ्ट कॉपियां भी स्वीकार करेगा। लेकिन शर्त यह है कि वह पहचान पत्र चाहे आधार कार्ड हो या फिर ड्राइविंग लाइसेंस उसकी सॉफ्ट कॉपियां डिजीलॉकर में स्टोर होनी चाहिए।
बता दें कि डिजीलॉकर सरकार की ओर से संचालित एक डिजिटल स्टोरेज सेवा है। इस डिजिटल क्लाउड स्टोरेज पर भारत का हर नागरिक अपने कुछ आधिकारिक कागजात स्टोर कर सकता है।
रेलवे ने इसकी सूचना अपने सभी जोनल मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को दे दी है। उसके साथ यह भी कहा गया है कि डिजिलॉकर की सेवा के लिए यात्री के वैध प्रमाणपत्र के रूप में फिलहाल सिर्फ दो पहचान प्रमाण पत्र ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड को मान्यता दी है और सिर्फ इन्हें ही स्वीकार किया जाएगा।
इस आदेश में कहा गया है कि अगर यात्री अपने डिजीलॉकर अकाउंट में लॉग इन कर जारी दस्तावेज सेक्शन से आधार या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाता है तो इसे एक वैध पहचान पत्र के रूप में माना जाएगा।
खुद से अपलोड दस्तावेज को नहीं माना जाएगा प्रमाण पत्र
इस आदेश में यह भी साफ किया गया है कि यात्री ने अपलोड सेक्शन में अगर खुद से दस्तावेज अपलोड की है उसे वैध प्रमाणपत्र नहीं माना जाएगा।
बता दें कि वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत वर्तमान समय में डिजीलॉकर में डिजिटल लाइसेंस और आधार स्टोर किया जा सकता है।
बता दें इससे यात्रियों को काफी फायदा होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि इससे यात्री चोरी की डर से टेंशन फ्री होकर यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल चोरी होने या पहचान पत्र गुम हो जाने की स्थिति में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था।