जुनूबी भारत में बेमौसम लीची का पैदावार हुआ है। बागों में लीची के दरख्त फलों से लदे हैं। इनमें अहम तौर से चाइना लीची की खेती हो रही है। लोगों को दिसंबर के पहले सप्ताह से लीची खाने का मिल रही है। जनवरी महीने तक बागों में लीची होगी। क़ौमी लीची तहक़ीक़ सेंटर का बड़ा तजुरबा कामयाब हुआ है। सायनसों की टीम ने गुजिशता पांच सालों से इलाक़े की एनवायरनमेंट का तजवीज कर कई मुकामात पर दरख्त लगाये थे। यहां दर्जे हरारत, नमी और मिट्टी पैदावारी के हिसाब से मिला तो दरख्त फलों से लद गये हैं। यहां के बाजार में भी कारोबारी लीची उतार सकते हैं।
कर्नाटक और केरल में पैदावार
लीची तहक़ीक़ सेंटर की तरफ से पांच हजार दरख्त जुनूबी भारत को भेजे गये हैं। सात हजार एकड़ में इस बार खेती की गयी है, जो कर्नाटक के मडकेरी जिला और केरल के मैपाडी और अंबलवाइल इलाकों में है। यहां लीची की भरपूर पैदावार हो रही है। लीची में सितंबर महीने में मंजर आया।