डाक्टर मुहम्मद इलयास रिज़वी का फ़ौरी असर के साथ तबादला

ए पी फाइनेंस कारपोरेशन में घोटाला के मंज़रे आम पर आने के बाद हुकूमत ने आज शाम डाक्टर मुहम्मद इलयास रिज़वी नायब सदर नशीन-ओ-मनीजिंग डायरैक्टर ए पी माइनारीटीज़ फाइनेंस कारपोरेशन का फ़ौरी असर के साथ तबादला करदिया है।

इस सिलसिला में चीफ़ सेक्रेटरी मनी मीथो ने जी ओ आर टी 4784 जारी किया। हुकूमत ने उन्हें हिदायत दी है कि वो फ़ौरी तौर पर प्रिंसिपल चीफ़ कनज़रवीटर आफ़ फारेस्ट को रिपोर्ट पेश करे । हुकूमत ने घोटाला के मंज़रे आम पर आने के बाद इलयास रिज़वी की ख़िदमात फाइनेंस कारपोरेशन से बरख़ास्त करदी है ।

सेक्रेटरी अक़लीयती बहबूद दाना किशवर से कहा गया है कि वो नायब सदर नशीन और मनीजिंग डायरैक्टर के ओहदे के लिए इंचार्ज के तौर पर मुतबादिल इंतिज़ामात करें ।

बताया जाता है कि जवाइंट सेक्रेटरी महिकमा अक़लीयती बहबूद मुहतरमा प्रवीण बेगम को अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन के मनीजिंग डायरैक्टर की ज़ाइद ज़िम्मेदारी देने का फ़ैसला किया गया । इसी दौरान मिस्टर वलायत हुसैन अस्सिटैंट जनरल मैनेजर को जनरल मैनेजर फाइनेंस कारपोरेशन की ज़ाइद ज़िम्मेदारी दी गई है।

इसी दौरान चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने आज आला ओहदेदारों के साथ फाइनेंस कारपोरेशन के घोटाला का जायज़ा लिया । बताया जाता है कि गुज़शता दस बरसों में ये घोटाला तक़रीबन 400 करोड़ तक पहुंच सकता है ।

चीफ़ मिनिस्टर ने सी बी सी आई डी को हिदायत दी कि वो सख़्ती के साथ इस घोटाला की तहक़ीक़ात करे। सी बी सी आई डी ने तहक़ीक़ात के सिलसिला में चार ख़ुसूसी टीमें तशकील दी है ।बताया जाता है कि घोटाला से मुताल्लिक़ बाअज़ अहम फाईलों को कारपोरेशन के ओहदेदारों ने ग़ायब करने की कोशिश की ।

जिन्हें नाकाम करदिया गया । इसी दौरान चीफ़ मिनिस्टर के क़रीबी ज़राए ने बताया कि किरण कुमार रेड्डी वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद अहमद उल्लाह की जानिब से अक़लीयती इदारों की कारकर्दगी पर मूसिर निगरानी ना करने पर सख़्त नाराज़ हैं ।

उन्हों ने कहा कि अगर अक़लीयती इदारों की कारकर्दगी पर गहिरी नज़र रखी जाती तो ये घोटाला की नौबत ना आती । उन्हों ने कहा कि अक़लीयती तलबा के बेहतर तालीमी मुस्तक़बिल के लिए हुकूमत जो रक़ूमात जारी कर रही है इस का ग़लत इस्तिमाल नाक़ाबिल बर्दाश्त है

और इस सिलसिला में ख़ातियों को बख्शा नहीं जाएगा । उन्हों ने सी बी आई डी और सेक्रेटरी अक़लीयती बहबूद को हिदायत दी कि वो घोटाला के ज़िम्मेदारों के ख़िलाफ़ खटन कार्रवाई करें ।