डाक्टर राज बहादुर गौड़ के इलमी और अदबी ख़िदमात लायक़ सताइश

हैदराबाद । 21 । अक्टूबर : ( रास्त ) : इदारा तहज़ीब अदब की जानिब से डाक्टर राज बहादुर गौड़ सदर अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू आंधरा प्रदेश के इंतिक़ाल पर एक ताज़ियती जलसा 16 अक्टूबर ज़ेर निगरानी जनाब मीर शुजाअत अली मुनाक़िद हुआ । डाक्टर यूसुफ़ आज़मी ने इस जलसा को मुख़ातब करते हुए डाक्टर राज बहादुर गौड़ को भरपूर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश की और कहा कि राज बहादुर गौड़ की ज़िंदगी जद्द-ओ-जहद से भरपूर रही है वो उर्दू फ़रोग़ के लिए हमेशा मसरूफ़ रहे । हिंदूस्तान में उर्दू के मुताल्लिक़ सरकारी और ग़ैर सरकारी कमेटीयों में इन की मौजूदगी सरचश्मा तहरीक रही और सब ही को उन्हों ने तआवुन दिया । मौलाना आज़ाद यूनीवर्सिटी के हैदराबाद में क़ियाम के सिलसिले में इन की कोशिश लायक़ सताइश है । जनाब एम ए सिद्दीक़ी सैक्रेटरी इदारा ने राज बहादुर गौड़ के इदारा से वाबस्ता यादों का तफ़सीली ज़िक्र करते हुए कहा कि डाक्टर साहिब हमेशा से ही उर्दू अंजुमनों की सरपरस्ती किया करते थे । एम ए नईम ख़ाज़िन इदारा ने कहा कि राज बहादुर गौड़ का बहैसीयत ट्रेड यूनीयन और सी पी ऐम लीडर का एक ख़ास मुक़ाम था । उन्हों ने उर्दू ज़बान की तालीम-ओ-तर्बीयत और फ़रोग़ के लिए अपनी ज़िंदगी वक़्फ़ करदी थी । जनाब मुहम्मद यूसुफ़ उद्दीन और मुहम्मद हिदायत ने भी राज बहादुर गौड़ की अदबी ख़िदमात पर इज़हार-ए-ख़्याल किया । आख़िर में जनाब मीर शुजाअत अली ने डाक्टर साहिब की अदबी ख़िदमात का तफ़सीली ज़िक्र करते हुए कहा कि वो गंगा जमुनी तहज़ीब के अलमबरदार थे उन की इलमी और अदबी ख़िदमात को फ़रामोश नहीं किया जा सकता । जनाब मुहम्मद उसमान जवाइंट सैक्रेटरी ने क़रारदाद ताज़ियत पेश की और तमाम शुरका के दो मिनट ख़ामोशी के बाद जलसा का इख़तताम अमल में आया