डीज़ल की क़ीमतों में बेतहाशा इज़ाफ़ा होगा : बी जे पी

बी जे पी ने डीज़ल की क़ीमतों पर हुकूमत का कंट्रोल ख़त्म करने के इक़दाम पर शदीद तन्क़ीद करते हुए कहा कि डीज़ल की क़ीमतों को सरकारी कंट्रोल से आज़ाद करने का फ़ैसला ग़लत है जबकि वज़ीर फायनेंस परनब मुकर्जी ने कहा कि इस तरह के इक़दाम का फ़ैसला गुज़श्ता साल जून में ही किया गया था लेकिन इस पर अमल आवरी के लिए कोई वाज़िह तारीख़ मुक़र्रर नहीं की गई थी।

बी जे पी तर्जुमान प्रकाश जावडकर ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि हुकूमत ये कह रही है कि इस ने अवाम की ज़रूरीयात को मल्हूज़ रखते हुए उसूली तौर पर डीज़ल की क़ीमतों को डी रेगूलेट करने का फ़ैसला किया है, लेकिन इसका मतलब ये हुआ कि हुकूमत डीज़ल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा करने वाली है, चंद दिन बाद डीज़ल की क़ीमतें हम सब के लिए सदमा ख़ेज़ होंगी।

वज़ीर-ए-आज़म के मआशी मुशीर कोशक बासू ने जो कुछ कहा इस से यही इशारा मिलता है कि हुकूमत ने अब उस की तहरीरी तौर पर भी तौसीक़ कर दी है। उन्होंने पार्लीमेंट हाउस के बाहर अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि हम डीज़ल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के लिए इस तरह के इक़दाम की मुख़ालिफ़त करेंगे क्योंकि डीज़ल तमाम नौईयत की ट्रांसपोर्ट के लिए एक बुनियादी ईंधन है इसमें इज़ाफ़ा से क़ीमतों में भी बेतहाशा इज़ाफ़ा होगा।

इस एक़दाम के बारे में पूछे जाने पर परनब मुकर्जी ने कहा कि ये फ़ैसला गुज़श्ता साल जून में ही किया गया था। जून 2011 में किए गए फ़ैसला पर अब अमल किया जा रहा है ताहम वज़ीर फायनेंस ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि आया हुकूमत अपने फ़ैसला पर क़ायम है।

हुकूमत ने अब तक डीज़ल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा नहीं किया था, रीटेल फ़रोख्त को मोतदिल बनाने के लिए हुकूमत इक़दामात कर रही है।