नई दिल्ली, 08 मार्च (पी टी आई) सदर नशीन प्रेस कौंसल आफ़ इंडिया मारकंडे काटजू ने डी आर डी ओ साईंसदाँ एजाज़ अहमद मिर्ज़ा को दुबारा बहाल करने का मुतालिबा किया। उन्हें दहशतगर्दी के इल्ज़ामात पर गिरफ़्तार किया गया लेकिन नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी की जानिब से उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल ना किए जाने की बिना ज़मानत पर रिहाई अमल में आई।
वज़ीर-ए-दिफ़ा ए के अनटोनी और चीफ़ मिनिस्टर कर्नाटक जगदीश शेट्टर को मौसूमा मकतूब में काटजू ने कहा कि अगर एजाज़ अहमद मिर्ज़ा के ख़िलाफ़ कोई सुबूत ना हो तो उन्हें दुबारा बहाल कर दिया जाना चाहीए और साथ ही साथ उन्हें ख़ातिरख़वाह मुआवज़ा भी दिया जाये।
यही नहीं बल्कि मरकज़ी-ओ-रियासती हुकूमतों को खुले आम माज़रत ख़्वाही करनी चाहीए। उन्होंने इस मुआमला का फ़ौरी जायज़ा लेने की ख़ाहिश की।
उन्होंने कहा कि जब एजाज़ अहमद मिर्ज़ा के ख़िलाफ़ कोई सुबूत ना मिले तो उन्हें इस ओहदे पर दुबारा बहाल किया जाये जिस ओहदे से बरतरफ़ किया गया था, बसूरत-ए-दीगर सारे मुल्क को ये ग़लत तास्सुर मिलेगा कि मुसलमान दहशतगर्द हैं और फिर्कापरस्त ताक़तें जिस तरह उन्हें निशाना बना रही हैं, इनका मौक़िफ़ दुरुस्त है। काटजू ने कहा कि उन्होंने पहले ही सहाफ़ती बयान जारी करते हुए बम धमाका मुक़द्दमात में मुसलमानों को ग़लत माख़ूज़ करने पर तन्क़ीद की है।
उन्होंने बताया कि एजाज़ अहमद मिर्ज़ा ने एक टी वी इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अज़ीयतें पहुंचाई गईं और जेल में बुरी तरह हरासाँ किया गया। इसलिए वो एजाज़ अहमद मिर्ज़ा की दुबारा बहाली और ख़ातिरख़वाह मुआवज़ा के साथ साथ मर्कज़ी-ओ-रियासती हुकूमत की खुली माज़रत ख़्वाही का मुतालिबा कर रहे हैं।