डॉन दाऊद इब्राहिमकास्कर के करीबी गुर्गे छोटा शकीलके एकमात्र बेटे ने आध्यात्मिक रास्ता अपना लिया है। वह कराची में हाफिज- ए- कुरान बन गया है। इससे एक साल पहले के दाऊद के बेटे ने भी आध्यात्मिक रास्ता अपना लिया था।
शेख ने हाल ही में ‘हाफिज-ए-कुरान’ बनकर हलचल पैदा कर दी है। यहां मुंबई में भी कई ऐसे हैं जिन्हें इससे धक्का लगा है। ‘हाफिज-ए-कुरान’ उसे कहा जाता है जिसने पूरा कुरान जुबानी याद हो।
कुरान में 6,236 आयतें शामिल हैं। इसे इस्लाम के किसी भी अनुयायी के लिए एक मील का पत्थर माना जाता है। युवा मुबश्शिर ने अब कराची के पड़ोस में लोगों को कुरान पढ़ाने और उसका प्रचार करना शुरू कर दिया है। वह यहां अपने बुजुर्ग पिता, बाबू मियां शकील अहमद शेख उर्फ छोटा शकील के साथ रहते हैं।
छोटा शकील को दाऊद की ‘ डी कंपनी’ का प्रमुख कर्ताधर्ता माना जाता है। माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम का बेटा मोइन भी धर्मगुरु बन चुका है। ‘मौलाना मोइन’ से प्रेरित लग रहे छोटा शकील के बेटे मुबश्शिर ने भी अब टोपी पहनकर तस्बीह (माला) हाथ में ले ली है और लोगों के बीच कुरान की शिक्षाओं का प्रचार करने का फैसला किया है।
मोइन की तरह, मुबश्शिर ने भी अपने पिता के अपराध और आतंकी गतिविधियों को अस्वीकार किया है लेकिन अभी उनके साथ रहना जारी रखा है। अब यह सवाल उठने लगे हैं कि डॉन और उसके सहयोगियों द्वारा खड़े किए गए विशाल व्यापार और आपराधिक साम्राज्यों का वारिस कौन होगा। मुबश्शिर के अलावा, छोटा शकील की दो बेटियां जोया और अनम हैं, जिन्होंने कराची में ही डॉक्टरों से विवाह किया है।