नई दिल्ली: कई दहशतगर्दों के खुलासे और खुफिया एजेंसियों की जांच से पता चला है कि पाकिस्तान के दहशतगर्द तंज़ीम अनमेन्ट एरियल व्हीकल्स (यूएवी), ड्रॉन्स और पैराग्लाइडर्स के जरिए हिंदुस्तान पर हमले की साजिश रच रहे हैं।
मरकज़ी हुकूमत ने मुइल्क में ऐसे किसी हमले को रोकने के लिए ऐसे किसी ऑबजेक्ट्स को उडाने के बारे में सख्त पालिसी बनाने जा रही है। इस नीति में यूचएवी एक अलावा पैराग्लाइडर्स, हॉट एयर बलून्स, रिमोट से उडने वाली डिवाइस और हल्के एयरक्राफ्ट वगैरह को परवाज़ के लिए जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी की जाएगी।
हिंदुस्तान के लिए खतरे की घंटी पाकिस्तान के बलूचिस्तान सूबे के जेवानी में 30 अगस्त को हुए दहशतगर्दाना हमले के बाद से बजी है।
इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में भी मालूम चला है कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर के दहशतगर्दों को पैराशूट से कूदने की ट्रेनिंग देने में शामिल रही है। यह भी पता चला है कि लश्कर पैराग्लाइडिंग से जुडे इक्विपमेंट्स चीन और यूएई से खरीदने की कोशिश कर रहा है।
बेंगलुरू में जनवरी में पकडे गए अफाक ने पूछताछ के दौरान पैराग्लाइडिंग में अपनी दिलचश्पी बताई थी। उसने नवंबर 2013 में गोवा में पांच दिन की पैराग्लाइडिंग ट्रेनिंग ली थी।
इसके दो महीने बाद उसने अमेरिका से दो सैकंड हैंड पैराग्लाइडर्स खरीदे थे। इसके अलावा, इससे जुडे कुछ इक्विपमेंट्स बेंगलुरू से भी खरीदे गए।
इसी साल 5 जनवरी को बैंकॉक में पकडे गए जगतार सिंह तारा ने बताया कि आईएसआई पाकिस्तान में रहने वाले सिख दहशतगर्दों को स्पेन से पैराग्लाइडिंग इक्विपमेंट खरीदने में मदद कर रही थी। इनकी मदद से पाकिस्तान हिंदुस्तान में हथियार और गोला-बारूद गिराने वाला था।
बाद में इससे दहशतगर्द हरियाणा के सिरसा में हेडा सच्चाा सौदा पर हमला करने वाले थे। दहशतगर्दों की यह मुहिम कामयाब नहीं हो सकी, क्योंकि ग्लाइटर के कुछ पार्ट्स खराब थे।
एजेंसियों को जांच के बाद पता चला कि स्पेन में मोटर से चलने वाली ग्लाइडर को 10 लाख पाकिस्तानी रूपये में खरीदा जाना था। इस पैराग्लाइडर से दो लोग आराम से उड सकते थे और 70 किलोमीटर का फासला तय कर सकते थे। मुहिम के मुताबिक नरोवल से शाम के वक्त पैराग्लाइडर लॉन्च किए जाने थे।
इनका मंसूबा हिंदुस्तानी सरहद में हथियार गिराने की थी। इसके बाद पैराग्लाइडर्स की प्रपेलर फैन बंद कर हिंदुस्तानी सेक्युरिटी फोर्स को भनक लगने से पहले वापस लौट आने की मुहिम थी।