दर्दमंद इन मिल्लत का एक इजतिमा 26मार्च को बह क़ियामगाह जनाब एम ए अलीम मौज़फ़ जनरल मैनेजर महिकमा कवापरीटीव-ओ-रुकन हज कमेटी बाद इशा मुनाक़िद हुआ। जिस में ये तए किया गया कि बिरादरान इस्लाम महबूबनगर की फ़लाह केलिए एक समाजी तंज़ीम का क़ियाम अमल में आए चुनांचे इस मक़सद के तहत तंज़ीम फ़लाह अलमुस्लिमीन महबूबनगर के नाम से एक तंज़ीम का क़ियाम अमल में आया। जिस में मुत्तफ़िक़ा तौर पर मसरज़ रॶफ़ पाशाह को मुशीर, मुहम्मद अकबर को सरपरस्त, जनाब रहमान सूफ़ी को सदर, ख़्वाजा मुईन उद्दीन प्रिंस को नायब सदर, मुहम्मद ग़ौस को मोतमिद उमूमी, हलीम बाबर को जवाइंट सैक्रेटरी, एम ए रहमान को आ गंावज़ नग सैक्रेटरी,एम ए अलीम को ख़ाज़िन-ओ-ऑफ़िस करसपानडनट की हैसियत से नामज़द किया गया। इस के इलावा सात अराकीन आमिला को भी नामज़द किया गया।
इस तंज़ीम के अग़राज़-ओ-मक़ासिद में मिल्लत-ए-इस्लामीया में संतों को ज़िंदा रखना, इत्तिफ़ाक़-ओ-इत्तिहाद की फ़िज़ा-ए-पैदा करना, लड़कों और लड़कीयों की शादीयों के सिलसिला में दो बद्दू प्रोग्राम्स तर्तीब देना, उर्दू ज़बान का जायज़ हक़ दिलवाना, उर्दू मीडियम स्कूलों के मयार को बेहतर बनाना, मुताल्लिक़ा स्कूलस के उर्दू असातिज़ा से राबिता क़ायम करना वग़ैरा जैसे फ़लाही इक़दामात शामिल हैं। तंज़ीम का पहला इजलास 30मार्च 9:30 बजे शब बमुक़ाम कहकशां हाल न्यू टाॶन मुनाक़िद होगा।