तख्लीक़ इंसान का मक़सद अल्लाह की इबादत

तालिबान दीन-ओ-हिदायत के लिए हज़रत ग़ौस अल आज़म दस्तगीर (र०अ०) की रशद-ओ-हिदायत के फ़ैज़ का मग़ज़न संग मील की हैसियत रखता है। जिन की अमली ज़िंदगी अम्बीया-ए-किराम की मुरातिब से लेकर औलयाए इकराम के अहवाल -ओ-मनाज़िल से मुताल्लिक़ सैर हासिल रोशनी मिलती है ।

इन ख़्यालात का इज़हार जनाब मुहम्मद फ़िरासत अली एडवोकेट सदर मर्कज़ी रहमत आलम कमेटी ज़िला बीदर ने कल बाद नमाज़ इशा बमुक़ाम अंदरून क़दीम सोफिया बाज़ार ज़ेर एहतेमाम अंजुमन तरक़्क़ी हिंद शाख़ बीदर के मुनाक़िदा अज़ीम उल-शान जलसा हज़रत ग़ौस अल आज़म ( ऱ०अ०) से बहैसियत ख़ुसूसी मुक़र्रर मुख़ातिब करते हुए किया ।

उन्होंने मज़ीद कहा कि हज़रत ग़ौस आज़म ( र०अ०) का हर अमल शरीयत के ममनूआ अफ़आल से रुक कर अहकामात शरिया की तक़्मील करना था । आप (र०अ०) की तालीमात से ये बात वाज़िह हो जाती है कि तख़लीक़ इंसान का मक़सद अल्लाह की इबादत के लिए है , सैयद मंसूर कादरी इंजीनीयर ने मुख़ातिब करते हुए कहा कि हज़रत ग़ौस अल आज़म ( र०अ०) की तरबियत हक़-ओ-अमान और सच्चाई की बुनियाद पर हुई है ना कि झूट पर ।

आज हमें चाहीए कि हम अक्ल हलाल का लुक़्मा खाएं तब ही हमारे अंदर वो औसाफ़ आ सकते हैं । सिर्फ इश्क़ के दावे करने से भी मुम्किन नहीं । जनाब मिर्ज़ा महमूद बेग चिश्ती निज़ामी , जनाब मुहम्मद हबीब अल रहमान साबिक़ कौंसलर और जनाब निसार अहमद कलीम ने बहैसियत मेहमानान ख़ुसूसी शिरकत की । शम्मा रिसालत के परवानों की कसीर तादाद में शिरकत के सबब जलसा-ए-गाह अपनी तंग दामिनी का शिकवा कर रहा था ।

जलसा के माक़ूल इंतिज़ामात किए गये थे । जलसा का मयाबी के साथ देर रात तक चलता रहा । बाद इख़तेताम जनाब मुहम्मद निसार अहमद कलीम सदर अंजुमन तरक़्क़ी की निगरानी में महफ़िल नाअत का अनाका दामुल में आया । जनाब मुहम्मद महफ़ूज़ , जनाब अमीर अलुद्दीन अमीर , जनाब लतीफ ख़लिश , जनाब मिर्ज़ा महबूब बैग , जनाब निसार अहमद कलीम , जनाब नवाज़िश अली , जनाब मुहम्मद शफ़ी , जनाब असद उल्लाह एडवोकेट , जनाब अबदुल हमीद मौज़फ़ तहसीलदार वगैरह ने बेहतरीन अंदाज़ में अपना कलाम पेश करते हुए ख़ूब दाद-ओ-तहसीन हासिल की ।

निज़ामत के फ़राइज़ जनाब लतीफ ख़लिश ने अदा किये । मेसर्स इस्माईल ज़बीह मोतमिद अंजुमन , अबदुल क़य्यूम , मुहम्मद इब्राहीम साबिक़ कौंसलर वगैरह ने इंतिज़ामात की निगरानी की । बाद अज़ सलाम-ओ-दुआ मोतमिद अंजुमन के शुक्रिया पर इस नूरानी महफ़िल का इख़तेताम अमल में आया ।