हेमंत सोरेन हुकूमत की परेशानी इत्तेहादी पार्टियों के वुज़रा ने बढ़ा दी है। काबीना के दूसरे तौसीह के बाद वज़ीर बने कांग्रेस खेमे के एसेम्बली रुक्न की मांग से वजीरे आला पर महकमों में तब्दीली का दबाव भी बढ़ा है।
ज़राये का कहना है कि जल्द ही वुज़रा के महकमे में तब्दीली हो सकते हैं। वजीरे आला तमाम हालात का ज़ायजा कर रहे हैं। हुकूमत में शामिल कांग्रेस कोटे के वज़ीर चंद्रशेखर दुबे ने देही तरक़्क़ी महकमा के बंटवारे को सिरे से मुस्तर्द दिया है।
उन्होंने वज़ीर बनने के बाद से ही देही तरक़्क़ी वज़ारत में देही इंजीनियरिंग तंज़िम और स्पेशल डिविजन को शामिल करने की मुताल्बा तेज कर दी है।
उन्होंने वजीरे आला से और कांग्रेस के पार्टी एसेम्बली रुक्न पार्टी के लीडर को भी आगाह करा दिया है। वहीं कांग्रेस खेमे के दूसरे वज़ीर मन्नान मल्लिक को अब आमदनी और ज़मीन बेहतरी महकमा भी चाहिए। कांग्रेस के ही योगेंद्र साव को ज़राअत के साथ-साथ आबपशी महकम भी चाहिए। इन क़ायेदीनों ने अपनी हालत वाज़ेह कर दी है। इससे इत्तेहाद पार्टी की दूसरी पार्टियां राजद और झामुमो पर भी ज़्यादा दबाव है।