रियासत तमिलनाडू जिसे शदीद बर्क़ी बोहरान का सामना है, वहीं अब हुकूमत मरता क़्या ना करता के मिस्दाक़ तवानाई हासिल करने के लिए दीगर ज़राए पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ कर रही है। ऐसे निज़ाम को फ़ौक़ियत दी जा रही है जो तवानाई । दोस्त हो। बह अल्फ़ाज़ दीगर ऐसा निज़ाम जो तवानाई की ज़्यादा से ज़्यादा बचत करते हुए अपने तमाम काम अंजाम दे सके।
शमसी तवानाई और दीगर तवानाइयों के हुसूल पर ग़ौर किया जा रहा है जिस में सब्सीडी वाले शमसी पंप्स, मकानात की छतों पर शमसी तवानाई पैदा करने वाले आलात की तंसीब और ऐसे अफ़राद को इनाम-ओ-इकराम से नवाज़ना जो इंतिहाई मूसिर अंदाज़ में शमसी तवानाई वाली लाईट्स का इस्तेमाल करते हैं।
अपने एक पालिसी नोट में महकमा तवानाई ने वाज़िह कर दिया कि मकानात की छतों पर तवानाई पैदा करने वाले शमसी तवानाई निज़ाम को मुतआरिफ़ किया जाएगा और आलात की फ़राहमी भी हुकूमत की जानिब से अमल में आएगी। महकमा के मुताबिक़ हुकूमत सब्सीडी वाले शमसी पंप्स की फ़राहमी पर भी ग़ौर कर रही है।
सब्सीडी का तनासुब 86 फ़ीसद होगा जिस में से 56 फ़ीसद सब्सीडी वज़ारत ज़राअत की जानिब से और 30 फ़ीसद वज़ारत नई और काबिल तजदीद तवानाई की जानिब से दी जाएगी।