तेलंगाना में ख़ान्गी इंजीनियरिंग कॉलेजेस को ग़ैर मुसल्लमा क़रार देने और तलबा को तालीमी फ़ीस की अदम इजराई के मसअले पर असेंबली में आज गर्मा गर्म मुबाहिस हुए।
कांग्रेस और बी जे पी ने हुकूमत पर इंजीनियरिंग कॉलेजेस के ख़िलाफ़ कार्यवाईयों और तलबा को तालीमी फ़ीस की अदम इजराई का इल्ज़ाम आइद करते हुए ऐवान से वाक आउट कर दिया जबकि डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर और वज़ीरे ताअलीम के सिरी हरी ने ऐवान को तयक़्कुन दिया कि ख़ान्गी इंजीनियरिंग कॉलेजेस के मसाइल पर बहुत जल्द फ़्लोर लीडर्स और कॉलेजेस के नुमाइंदों के साथ इजलास तलब किया जाएगा।
उन्हों ने कहा कि तेलंगाना हुकूमत फ़ीस बाज़ अदायगी स्कीम को जारी रखे हुए है और हुकूमत ने गुज़िश्ता दो बरसों के तालीमी फ़ीस के बक़ायाजात जारी कर दिए हैं। उन्हों ने कहा कि मालीयाती साल 2015-16 के लिए तालीमी फ़ीस के तौर पर 2500 करोड़ रुपये का बोझ सरकारी ख़ज़ाना पर आइद होगा और 16 लाख तलबा को फ़ीस री एम्रेपरस्मेन्ट स्कीम के तहत तालीमी फ़ीस अदा की जाएगी।
वक्फ़ा सवालात में ख़ान्गी इंजीनियरिंग कॉलेजेस को बंद करने के मसअले पर सवाल के दौरान अपोज़ीशन और हुकूमत के दरमयान तकरार हुई। अपोज़ीशन पार्टीयां अपने मौक़िफ़ पर क़ायम थीं कि कॉलेजेस को मुख़्तलिफ़ शराइत की अदम तकमील का बहाना बनाकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि फ़ीस बाज़ अदायगी स्कीम के बोझ को कम किया जा सके।
कॉलेजेस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सूरत में मौजूदा तलबा को दीगर कॉलेजेस में ट्रांसफ़र कर दिया जाएगा और बहर सूरत उन की तालीम का तहफ़्फ़ुज़ होगा।