हुकूमत ने कल कहा कि वो लिसानी बुनियादों पर यू पी एससी इमतिहानात में तलबा के साथ नाइंसाफ़ी की इजाज़त नहीं देगी और इस मसला का जायज़ा लेने तीन रुकनी कमेटी तशकील दी गई है जिस से अंदरून एक हफ़्ता रिपोर्ट तलब की गई है।
मर्कज़ी वज़ीर-ए-ममलकत बराए पर्सोनल जेतिंदर सिंह ने राज्य सभा में आज उस वक़्त ये तीक़न दिया जब कि अरकान ने एहतिजाज के बारे में सख़्त अंदेशे ज़ाहिर किए थे। अरकान ने पार्टी ख़ुतूत से बालातर होकर मांग किया कि इस मसला की यकसूई के लिए वक्त का तैयुन किया जाये।
उन्होंने वज़ीर-ए-ममलकत के बयान पर अदम इतमीनान ज़ाहिर किया और कहा कि वज़ीर ने अपने बयान में कहा है कि चंद दिन क़बल तीक़न दिया गया था कि मसला एक हफ़्ता के अंदर हल करलिया जाएगा लेकिन ऐसा मालूम होता है कि हुकूमत इस सिलसिला में बेबस है।
जेतिंदर सिंह ने कहा कि इमतिहान के लिए दाख़िला कार्ड्स के इजरा का मसला मौजूदा मसला से बेताल्लुक़ है। इस का हुकूमत के फ़ैसला पर कोई असर मुरत्तिब नहीं होगा। क्योंकि इस का जायज़ा यू पी एससी की जानिब से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हुकूमत लिसानी बुनियादों पर तलबा के साथ नाइंसाफ़ी की ताईद में नहीं है।
इस लिए एक कमेटी को ये मसला सपुर्द कर दिया गया है और अंदरून एक हफ़्ता रिपोर्ट तलब की गई है। इस मसला पर अंदेशों का अज़ाला करते हुए वज़ीर-ए-ममलकत ने कहा कि में आप को तीक़न देता हूँ कि कमेटी अंदरून एक हफ़्ता रिपोर्ट पेश करदेगी और जैसे ही रिपोर्ट हासिल होगी मज़ीद कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने अपोज़ीशन को याद दिलाया कि तीन रुकनी कमेटी 12 मार्च 2014-ए-को अदालती हिदायत पर तशकील दी गई थी जब कि यू पी ए हुकूमत थी और ऐसे रिपोर्ट दाख़िल करने एक माह की मोहलत दी गई थी। अपोज़ीशन ने पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों में इस मसला पर हंगामा खड़ा कर दिया।
लोक सभा में भी ये मसला पेश किया गया ताहम उस की वजह से इजलास मुल्तवी करने की नौबत नहीं आई। जेतिंदर सिंह ने कहा कि हुकूमत वाक़ियात से वाक़िफ़ है और मसला का संजीदगी और हसासियत के साथ जायज़ा लिया जा रहा है। अरकान ने पार्टी ख़ुतूत से बालातर होकर बरसर-ए-इक़तिदार बी जे पी अंदेशे ज़ाहिर किए थे कि यू पी एससी इमतिहानात में ज़बान की वजह से तलबा कामयाब नहीं हो सकेंगे।
वज़ीर-ए-ममलकत से उन के बयान की वज़ाहत तलब करते हुए जद यू के शरद यादव ने कहा कि इलाक़ाई ज़बान बोलने वाले जैसे तामिल तेलुगू हिन्दी और दीगर ज़बानों के तलबा से तास्सुब बरता जा रहा है।