फैसल फरीद
लखनऊ: तीन तलाक के ऊपर चल रही बहस के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के देश में तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता प्रदान करने के मुद्दे पर विचार करने की संभावना है।
18-20 नवंबर को कोलकाता में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वार्षिक सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाये जाने की सम्भावना है।
एआईएमपीएलबी, जिसने तीन तलाक के समर्थन में अपना विरोध दर्ज कराया था वह अपने कोलकाता सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे को उठा सकता है।
मुस्लिम बोर्ड के सदस्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए गुज़ारे भत्ते के सवाल पर चर्चा कर रहे हैं । गुज़ारे भत्ते के सवाल पर बोर्ड समाज की तरफ से विरोध का सामना कर रहा है । ज्यादातर तीन तलाक के मुद्दे समाज से होते हुए महिलाओं के अस्तित्व के मुद्दे पर अदालत पहुंच जाते है।
अब बोर्ड तलाकशुदा महिलाओं के गुज़ारे भत्ते की व्यवस्था करने के मामले में गंभीर चिंतन कर रहा है, जिससे यह मामले कोर्ट में न पहुंचे और इनका समाधान समाज में ही हो जाए ।
लखनऊ से एक बोर्ड के सदस्य ने बताया कि इस मुद्दे को कोलकाता सम्मलेन के दौरान उठाए जाने की संभावना है। “यह इस्लामी शरीयत के अनुसार ही है। हजरत उमर फारूक के शासन के दौरान, ऐसी महिलाओं को बैतूल माल से गुज़ारा भत्ता दिया जाता था। हम भी इस तरह के उपायों को अपनाने का प्रयास करेंगे, “उन्होंने कहा।
प्रस्तावित सुझाव के अनुसार केवल उन तलाकशुदा महिलाओं को ही गुज़ारा भत्ता देने पर विचार किया जाएगा जिनकी दोबारा शादी नहीं हुई है और जिनके पास आजीविका के लिए कोई अन्य साधन नहीं है।
अगर इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया, तब एआईएमपीएलबी को एक कोष बनाना पड़ेगा जहां से गुज़ारा भत्ता प्रदान किया जा सके।