अलहदा रियासत की तशकील के ताल्लुक़ से कांग्रेस वर्किंग कमेटी के फैसले पर अमल आवरी शुरू करते हुए तेलंगाना की तशकील में तेज़ी लाना चाहीए।
आज सीमा आंध्र क़ाइदीन के असली चेहरे सारी रियासत के अवाम देख रहे हैं। ए पी एन जी औज़ के जलसे में तेलंगाना के हामियों पर हमला ये साबित करदिया है कि अब दोनों इलाक़ों के लोग ही नहीं क़ाइदीन भी एक साथ नहीं रह सकते।
इन ख़्यालात का इज़हार आज ए इंदिरा किरण रेड्डी ने अपने घर पर एक पुर हुजूम कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए क्या। रेड्डी ने कहा कि एक ज़िम्मेदार चीफ मिनिस्टर का अभी से तेलंगाना और सीमा आंध्र के अवाम के साथ अलग अलग रवैये इस बात का खुला सबूत है कि ये लोग अब भी तेलंगाना के मासूम अवाम को लौटने वालों की सरपरस्ती से गुरेज़ नहीं कर रहे हैं।
लिहाज़ा मर्कज़ को चाहीए कि वो क़ियादत के रवैये का जायज़ा लेते हुए तेलंगाना का क़ियाम अमल में लाने की तैयारी को और तेज़ करदे साथ ही उन्होंने सीमा आंध्र के क़ाइदीन को इंतिबाह दिया कि वो भाईयों की तरह ख़ुलूस-ओ-मुहब्बत से अलग हूजाएं क्यूंकि सीमा आंध्र की सियासत ये बात ज़हन नशीन करले कि हैदराबाद चार सौ साल से ज़ाइद अपनी एक तारीख़ी निशानियां रखता है जिस पर आज तक सयासी निज़ाम चल रहा है कोई भी इमारत की तामीर का जायज़ा लिया जाये तो मासूम लड़का भी ये कह सकता हैके उस्मानिया हॉस्पिटल , असेंबली की इमारत , हाईकोर्ट की इमारत , चारमीनार आख़िर किन किन चीज़ों की तरफ़ सीमा आंध्र के अवाम को तवज्जा दिलाना चाहीए।
उन्होंने मुज़हका उड़ाते हुए कहा कि एसा लगता हैके सीमा आंध्र वालों को हैदराबाद का पानी और यहां की आब-ओ-हुआ ज़्यादा पसंद है।
ताहम मकानदार और किराया दार के फ़र्क़ को महसूस करना ही अक़्लमंदी की अलामत है। रेड्डी ने आख़िर में कहा कि वो पिछ्ले दस बरसों से अलहदा रियासत की तशकील के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।
जबकि इन्हीं 2004 में वाई एस राज शेखर रेड्डी की काबीना में वज़ारत से इस लिए महरूम करदिया गया था कि वो तेलंगाना के हक़ में हैं जबकि मेंने सयासी नुक़्सान की कभी परवाह नहीं की। मुझे अवामी मसाइल अज़ीज़ थे। आज भी इस तहरीक में अमल आवरी को तेज़ करने के लिए 12 सितंबर को तमाम हामियों के साथ आर डी ओ ऑफ़िस के रूबरू एक रोज़ा भूक हड़ताल की जाएगी। जिस में मीडिया के नुमाइंदों को भी हिस्सा लेने की ए इंदिरा किरण रेड्डी ने गुज़ारिश की।
इस मौके पर साबिक़ सदर DCCB राम किशन रेड्डी अकलियती क़ाइद वाजिद अहमद ख़ान साबिक़ नायब सदर नशीन बलदिया डी राजिंदर , अपाला गणेश के अलावा दुसरे क़ाइदीन मौजूद थे।