पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ़ पानी से मुताल्लिक़ आलमी कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए मंगल को ताजिकस्तान जाएंगे। इंसानी सेहत, बहबूद और माहौल के तहफ़्फ़ुज़ के लिए पानी की अहमीयत से इनकार नहीं किया जा सकता, मौसमियाती तबदीली, आबादी में इज़ाफे़ और आबी ज़ख़ाइर के बे दरेग़ इस्तिमाल से दुनिया भर में ताज़ा पानी के ज़राए में तेज़ी से कमी वाक़े हो रही है, जिस पर आलमी सतह पर तशवीश में इज़ाफ़ा हुआ है।
इन्ही ख़द्शात और मीठे पानी के तेज़ी से कम होते ज़ख़ाइर के बाइस पैदा होने वाले ख़तरे के पेशे नज़र 2003 में अक़्वामे मुत्तहदा ने 2005 से 2015 की दहाई को पानी की दहाई क़रार दिया था।
इस इक़दाम का मक़सद आबी ज़राए की हिफ़ाज़त, उन के बेहतर इंतेज़ाम और पानी से मुताल्लिक़ मुल्कों की बैनुल अक़वामी ज़िम्मेदारीयों को पूरा करने की कोशिशों को फ़रोग़ देना था।