तालीमी मर्कज़ संघर्ष मोर्चा की एक मीटिंग नाहिद अफ्शां की सदारत में हुयी। इसमें बिहार के गरीब, ज़िल्लत और पसमंदा मुस्लिम बच्चों की इब्तेदाई तालीमी पसमंदगी पर संजीदगी से गौर हुआ। सबसे पहले हुकूमत की मजदूर दुश्मन पॉलिसी की सख्त मज़मत की गयी और वाज़ेह किया गया लाठी चार्ज अमीर जिंसी बदतरीन हुकूमत अमली को आवाम बरदास्त नहीं कर सकती। मेहमान खुसुसि की हैसियत से समाजी रहना गुलाम सरवर आज़ाद ने वजीरे आला बिहार को याद दिलाया के वो खुद भी हुकूमत की दमनकारी नीति की मुखालिफत की पैदावार हैं। उन्होने बताया के लाठी, गोली की नोक पर कोई पार्टी ज़्यादा दिनों तक हुकूमत नहीं कर सकती।
मरकज़ी हुकूमत की आड़ में तालीमी मर्कज़ के वजूद को खत्म करने की रियासती हुकूमत के साजिश पर संजीदगी से गौर किया गया और बिला इत्तिफ़ाक़ राय से तय किया गया के यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, वज़ीरे आजम मनमोहन सिंह, कॉंग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी, मरकज़ी वजीरे तालीम अक्लियती फ्लाह से वजाहत तलब की जाये के किन हालात के पेशे नज़र मर्कजी हुकूमत ने तालीमी मर्कज़ के फंड को बंद करने का फैसला किया जब के यहाँ की इब्तेदायी तालीम की हालत खराब है।
मीटिंग में शामिल होने वालों में साबिक़ मोर्चा सुबाई सदर मोहम्मद मूअज्जिम आरिफ़, मौजूदा सदर मोहम्मद मुकर्रम आसिफ के इलावा मोहम्मद इरशाद आलम, मोहम्मद अंजुम आलम, आबिदा बेगम, रौनक, सबीना, सलेहा, रशीदा, अंजुम, नजहत आरा, मोहम्मद खुर्शीद अकरम कादरी, मौलाना मोहम्मद शकील वगैरह शामिल थे। जश्न गौसुल वरा का एहतेमाम सलातों सलाम व दुआ से हुआ।