जदीद दौर के तकाज़े के मुताबिक मुसलमानों को आगे बढ़ना है तो तालीम से आरस्ता होना होगा। तालीम ही वो वहीद कुंजी है जिसके जरिये मुसलमानो की तक़दीर खुल सकती है और मुसलमान इसी राह से मुल्क और रियासत में अपनी कामयाबी का परचम बुलंद कर सकते है।
इन खयालात का इज़हार आज यहाँ हक़ तालीम के मौजू पर मुनक्कीद वर्कशॉप से दानिश्वरों ने किया। प्रोग्राम में डॉक्टर मुख्तार हक़ ने बचपन बचाओ तहरीक पर ज़ोर दी। डॉक्टर नसरीन बानो ने मुस्लिम औरतों की तहरीक पर रोशनी डाली। जबके इरफान आलम, अजय कुमार सिंह, स्त्येंदर कुमार वगैरह ने भी अपने खयालात का इज़हार किया। अखतरी बेगम ने बताया के आज मुस्लिम अकसरियत वाले इलाक़े में तालीम की सुरते हाल जितनी अच्छी होनी चाहिए थी उतनी नहीं है। लड़कियों को ब्लॉक सतह पर तालीम याफ़्ता बनाने के लिए आगे आने की ज़रूरत है।
डॉक्टर मुख्तार ने कहा के तालीम से वबास्ता कई ऐसे मसायल हैं जिनकी वजह से तालीम की राह में रुकावट आ रही है। मिसाल के तौर पर वक़्त पर किताब, पोशाक और वजीफा न मिलना, कई तरह की परेशानियाँ हैं जिसे हल करने की ज़रूरत है। सत्येंदर कुमार ने कहा के आज भी लाखों बच्चे ऐसे हैं जो तालिम से कोसों दूर हैं। उनको मेन स्ट्रीम में लाकर उन्हें आरस्ता करने की ज़रूरत है।