प्रधानमंत्री के नोटबैन के फैसले से जनता ही नहीं बैंक के कर्मचारी भी परेशान हैं. आलम यह है कि हरियाणा में 56 वर्षीय बैंक मेनेजर की तीन दिन लगातार प्रतिदिन 100 ज्यादा ग्राहकों को सेवा देते हुए ऑफिस में मौत हो गयी. पुलिस के अनुसार राजेश कुमार रोहतक के कॉपरेटिव बैंक के मेनेजर थे.
ज्यादा काम के चलते तीन दिन ऑफिस में बीताने के बाद बुधवार की सुबह को उनके केबिन में ही उनकी मौत हो गयी. 500,1000 के नोटों पर प्रतिबंध के बाद पूरे देश में बैंक संघर्ष कर रहे हैं। लाखों, करोड़ों लोग भीड़ के रूप खातों में पैसे जमा करने और पैसे बदलने के लिए बैंकों में पहुंच रहे हैं जिसके कारण सरकार द्वारा बैंकों को जल्दी खुलने और देर से बंद होने के आदेश दिए गए हैं।
शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन इंचार्ज ने बताया कि ज़्यादा काम की वजह से कुमार पिछले तीन दिन से लगातार ऑफिस में ही सो रहे थे। उनके परिवार वालो के अनुसार कुमार दिल के मरीज थे और उनका इलाज़ चल रहा था बैंको में काम को निलंबित कर दिया गया है।
जब बुधवार की सुबह को बैंक का सुरक्षा गार्ड बैंक पहुंचा और उसने मेनेजर के ऑफिस को खटखटाया तो उसको कोई जवाब नहीं मिला। गार्ड ने फ़ौरन बैंक के बाकी लोगों को सूचित किया और पुलिस को बुलाया गया तब कुमार के ऑफिस का दरवाजा तोडा गया। पुलिस के अनुसार कुमार गुडगाँव में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे।