गोहाटी, 23 जनवरी: ( पी टी आई) वज़ीर-ए-आला आसाम तरूण गोगोई ने आज सब सागर में एक फ़ौजी के ज़रीया एक कमसिन लड़की के साथ जिन्सी दस्त दराज़ी करने पर अदालत की जानिब से सिर्फ़ तीन माह की सज़ा दिए जाने के फ़ैसले को नामाक़ूल और ग़ैर हस्सास क़रार दिया । उन्होंने कहा कि वो इस फ़ैसला पर नज़रेसानी के लिए वज़ारत-ए-दिफ़ा से रुजू होंगे ।
उन्हों ने कहा कि फ़ौजी अदालत ने सज़ा सुनाते हुए जुर्म की संगीनी को नजरअंदाज़ कर दिया और मुल्ज़िम के ख़िलाफ़ रियायत से काम लिया जिस नौईयत का संगीन जुर्म का इर्तिकाब हुआ है इसके मुक़ाबले तीन माह की सज़ा बहुत कम है । फ़ौजी अदालत ने मुल्ज़िम के साथ रियायत और नरमी की है जबकि जुर्म इंतिहाई संगीन है ।
अब वो इस मुआमला को वज़ारत-ए-दिफ़ा से रुजू करेंगे ताकि मुतास्सिरा कमसिन लड़की को इंसाफ़ मिल सके । लांस नाविक अनील कुमार उपाध्याय ने जंगल में लकड़ी चुनने के लिए आई हुई एक कमसिन लड़ी के साथ गुज़शता साल 13जुलाई को जिन्सी ज़्यादती की थी ।
हालाँकि उपाध्याय के रुतबा में कमी करते हुए उसे लांस नायक से सिर्फ़ एक सिपाही का रुतबा दिया गया है जिसकी इत्तिला सब सागर के डिप्टी कमिशनर जे एन लेकर को भी दी गई है । इस वाक़िया के बाद आसाम में अवामी एहतिजाज शुरू हो गया जहां उनका मुतालिबा था कि ख़ाती फ़ौजी को पुलिस के हवाले किया जाये जबकि फ़ौजी अदालत का इस्तिदलाल था कि इसका मुक़द्दमा पहले फ़ौजी अदालत में चलाया जाएगा ।
मिस्टर गोगोई ने वाज़िह तौर पर कह दिया है कि वो ख़ाती की सज़ा पर नज़रेसानी के लिए वज़ारत-ए-दिफ़ा से रुजू होंगे ।