मर्कज़ी वज़ीर फ़ैनानिस पी चिदम़्बरम ने आज एतबार ज़ाहिर किया कि अवामी ज़ेर इंतेज़ाम शोबों के हिसस की फ़रोख़त से तीस हज़ार करोड़ रुपय हासिल करसकेगी। अगले पाँच महिनो में हुकूमत को तख़फ़ीफ़ सरमाया कारी के तहत बजट के लिए वसोलयात मुतवक़्क़े हैं।
वो एक प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब कर रहे थे, उन्हों ने कहा कि जारिया माली साल केलिए हुकूमत ने तीस हज़ार करोड़ रुपय तख़फ़ीफ़ सरमाया कारी का निशाना मुक़र्रर किया है । आर बी आई की मालीयाती पॉलीसी पर शुशमाही नज़रसानी से एक दिन पहले मर्कज़ी वज़ीर फ़ैनानिस ने उम्मीद ज़ाहिर की कि सैंटर्ल बैंक हुकुमत के मालना इक़दामात का नोट लेगा जो माली ख़सारा पर क़ाबू पाने केलिए किए जाने वाले हैं और इस के मुताबिक़ कार्रवाई करेगा।
उन्हों ने कहा कि वो बयान दे रहे हैं ताकि हिंदूस्तान का हर शख़्स उन इक़दामात को तस्लीम करे जो हुकूमत करनेवाली हैं। उन्हों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आर बी आई भी माली ख़सारा पर क़ाबू पाने केलिए हुकूमत के मालना इक़दामात का नोट लेगी। चिदम़्बरम ने कहा कि वो रास्त मुहासिल के मुसव्विदा क़ानून पर नून ज़र सानी कर रहे हैं। और पारलीमानी कमेटी की सिफ़ारिशात को पेश नज़र रखते हुए ये मुसव्वदे क़ानून मंज़ूरी केलिए पार्ल्यमंट में पेश किया जाएगा।
उन्हों ने कहा कि रास्त मुहासिल मुसव्वदा क़ानून पर तेज़ रफ़्तार नज़र-ए-सानी की जाएगी और इस की तकमील पारलीमानी कमेटी की सिफ़ारिशात का नोट लेते हुए की जाएगी , इस के बाद ही मुसव्वदे क़ानून पार्ल्यमंट में पेश किया जाएगा। चिदम़्बरम ने कहा कि क़ानून में तरमेमात करते वक़्त वो इस बार को पेश नज़र रखेंगे कि मजलिस खेमा ने मौजूदा मआशी सूरत-ए-हाल के बारे में क्या सिफ़ारिशात की हैं।
मुसव्वदा क़ानून की क़तई शक्ल में अंतिम उम की बहैसियत मजमूई अक्कासी होगी और हुकूमत मजलिस खेमा की सिफ़ारिशात की तामील करेगी।