लीबीयाई दार-उल-हकूमत (राजधानी) में त्युनस के क़ौंसिल ख़ाना के बाहर एक बम फटा जिस से माली नुक़्सान तो हुआ मगर कोई जख्मी नहीं हुआ। लीबिया में ग़ैर मुल्कीयों से वाबस्ता (सम्बंधित) इमारतों पर बदस्तूर हमले हो रहे हैं। सिफ़ारतख़ानों और बैन-उल-अक़वामी (अंतर्राष्ट्रीय) इमारतों और क़ाफ़िलों पर इस साल होने वाले हमलों से ज़ाहिर होता है कि लीबिया के हालात ठीक नहीं हैं।
एक साल कब्ल बाग़ीयों ने मग़रिब की मदद से मुअम्मर क़ज़्ज़ाक़ी का तख़्ता पलट दिया था जिस के बाद से वहां शोरिश है। 7 जुलाई को वहां पहले जमहूरी (लोकतान्त्रिक) इलेक्शन होने वाले हैं मगर हालात क़ाबू में नहीं हैं।