तुर्की अधिकारियों ने बताया कि राजधानी अंकारा में रात भर हुए विस्फोटों, हवाई संघर्ष एवं गोलीबारी के बाद सैन्य तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर दिया है।
सरकारी मीडिया के अनुसार तख्तापलट की कोशिश में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं जबकि ‘ए एफ पी’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एन टीवी ने गोलबासी जिले में मुख्य अभियोजक के कार्यालय के हवाले से कहा है कि अंकारा में 60 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 17 पुलिस कर्मी हैं। तुर्की में सेना के एक गुट ने तख्ता पलट की कोशिश की है।
राजधानी अंकारा और इस्तांबुल में सड़कों पर टैंक, हेलीकॉप्टर से फायरिंग भी की गई। इसमें 17 पुलिस वालों की मौत हो चुकी है। हालांकि राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन ने दावा किया है कि सेना की कोशिश नाकाम कर दी गई है लेकिन सेना ने दूसरी ओर सत्ता पर नियंत्रण का दावा किया है। तुर्की की सेना ने दावा किया है कि उसने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है।
तुर्की में फिलहाल अनिश्चय की स्थिति आ गई है। क्योंकि सेना और सरकार दोनों एक-दूसरे के दावों को गलत बता रहे हैं। जिस समय सेना ने हमले शुरू किए, उस वक्त राष्ट्रपति एर्दोगन छुट्टियां मना रहे थे। लेकिन वे तुरंत इस्तांबुल लौटे और घोषणा की कि सेना के कब्जे से जल्द ही देश को निकाल लिया जाएगा। राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यह तख्तापलट की कोशिश राष्ट्रद्रोह है।
इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसे भारी कीमत चुकानी होगी। हालांकि राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि जिन सैन्य अधिकारियों ने यह किया है उनकी गिरफ्तारी जारी है। एर्दोगन ने इसे सेना की सफाई करार दिया। बिनाली यिलदीरिम ने कहा कि ये अमेरिका के मुस्लिम मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के अनुयायियों की तरफ से सरकार के खिलाफ बगावत करने की महज एक कोशिश थी।
हालांकि गुलेन से जुड़े संगठन ने इसमें हाथ होने की बात से इनकार किया है। सेना ने पुलिस स्पेशल फोर्स के हेडक्वार्टर पर हवाई हमला किया, जिसमें 17 पुलिस अधिकारियों के मारे जाने की खबर है। तुर्की की संसद में विस्फोट की खबर है, जहां सेना ने अपने टैंक तैनात कर दिए थे। शुक्रवार को तुर्की सेना ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को ई-मेल भेजकर पूरे देश पर कब्जे का दावा किया है।
प्रधानमंत्री बिनाली यिल्द्रम ने इस बीच कहा है कि हालात अब क़ाबू में हैं और अब तक 700 फ़ौजीयों को इस बारे में गिरफ्तार किया गया है।