अँकरा 30 अगस्त:तुर्की की तारीख़ में पहली मर्तबा बुर्क़ा पहनने वाली एक मुस्लिम ख़ातून को वज़ीर बनाया गया है। तुर्की में अगरचे मुस्लिम आबादी वाला लेकिन एक सेक्युलर मुल्क है।
52 साला माहिर-ए-तालीम आइसन ग़रक़ान को वज़ीर-ए-आज़म अहमद दावत ओगलो की उबूरी हुकूमत में वज़ीर बराए इंचार्ज ख़ानदानी-ओ-समाजी पालिसी का क़लमदान तफ़वीज़ किया गया है।
ये हुकूमत 01 नवंबर को मुनाक़िद शुदणी चुनाव तक बरक़रार रहेगी। आइसन ग़रक़ान तीन बच्चों की माँ है और वो बोर्ड आफ़ दी फ़ाउंडेशन फ़ार यूथ ऐंड एजूकेशन की रुकन भी हैं जिसके एग्जीक्यूटिव सदर रजब तय्यब अरदगान के फ़र्ज़ंद बिलाल अरदगान हैं।
तुर्की हुकूमत ने पिछ्ले दो साल के दौरान ख़वातीन-ओ-लड़कीयों के स्कूलस और सरकारी इदारों में स्कार्फ़ पहनने पर आइद पाबंदी बर्ख़ास्त कर दी है। हुकूमत के मुख़ालिफ़ीन उसे सेक्युलर समाज को नुक़्सान पहुंचाने की कोशिश क़रार दे रहे हैं और उन इक़दामात की मुख़ालिफ़त की जा रही है।