तुर्की के मुक़ामी बलदियाती इंतिख़ाबात में कामयाब मुहिम चलाने के बाद ए के पार्टी की ख़ातून उम्मीदवार फतह उज़मा को शानदार फ़तह हासिल हुई है। अब वो तुर्की म्यूंसिपल्टी में बाहिजाब मेयर की हैसियत से मुंतख़ब हुई हैं।
उन्हें मुल्क की तारीख़ में पहली बाहिजाब ख़ातून होने का एज़ाज़ हासिल है। दिलचस्प बात ये है कि 28 फरवरी 1997 को साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म के दबाव के बाद उन्हें इसी म्यूंसिपल्टी ने हिजाब करने की पादाश में बरतरफ़ कर दिया गया था। आज वो दुबारा हिजाब के साथ तुर्की म्यूंसिपल्टी मेयर का ओहदा सँभाल रही हैं।
10 साल तक सिविल सर्विन्ट की हैसियत से ख़िदमात अंजाम देने वाली उज़्मा को साल 2000 में हिजाब ना करने की हिदायत और वार्निंग को नजरअंदाज़ करने पर बरतर्फ़ कर दिया गया था। उन्होंने अदालत में भी अपील दायर की थी लेकिन अदालत में भी उन्हें इंसाफ़ नहीं मिला था। अब ताज़ा इंतिख़ाबात के बाद उन्हें पूरे एज़ाज़ के साथ मेयर बनाया गया है।