रियास्ती वज़ीर सिविल स्पलाईज़ डी सिरीधर बाबू ने कहा कि तेलंगाना पर कांग्रेस का मौक़फ़ वाज़ेह है और माहौल भी साज़गार है। अलहदा रियासत की तशकील से कांग्रेस को जो फ़ायदा हो रहा है, उसे नुक़्सान पहुंचाने के लिए टी आर एस ने एक माह इंतिज़ार करने की बजाय 29 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है।
दिल्ली में मीडीया से बातचीत करते हुए रियास्ती वज़ीर ने कहा कि कुल जमाती इजलास इतमीनान बख़श है, मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिनदे ने तेलंगाना मसला पर तलब किया जाने वाला आख़िरी कुल जमाती इजलास क़रार देते हुए एक माह में फ़ैसला का ऐलान किया है, जिस पर हमें भरोसा करना चाहीए।
मिस्टर सिरीधर बाबू ने सदर तेलूगूदेशम चंद्रा बाबू नायडू को तन्क़ीद का निशाना बनाते कहा कि अगर 9 दिसंबर 2009-को तेलूगूदेशम अपने साबिक़ा फ़ैसला पर बरक़रारी का ऐलान करती तो अब तक अलहदा रियासत बन गई होती,
मगर तेलूगूदेशम ने मुत्तहदा रियासत की ताईद की थी और अब सियासी मस्लिहत के पेशे नज़र 2008-के फ़ैसला पर बरक़रार रहने का ऐलान कर रही है। उन्हों ने कहा कि वाई ऐस आर कांग्रेस का मौक़फ़ ग़ैर वाज़ेह है।