आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद बिल 2013 जिस का तवील अर्सा से इंतेज़ार किया जा रहा था, आज भी रियासती असेंबली में पेश नहीं किया जा सका, क्यूंकि इलाक़ाई ख़ुतूत पर मुनक़सिम अरकाने असेंबली ने अपने मुताल्लिक़ा मंसूबों को कामयाब बनाने की कोशिश के तौर पर एवान में ज़बरदस्त शोर-ओ-गुल और हंगामा आराई की, जिस के नतीजे में एवान की कार्रवाई पीर तक मुल्तवी करदी गई।
दिन भर की कार्रवाई के इख़तेताम पर इलाके तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले अरकाने असेंबली जिन में वुज़रा भी शामिल हैं तेलंगाना बिल की अदम पीशकशी पर ब्रहमी का इज़हार किया, जबकि साहिली आंध्र और राइलसीमा से ताल्लुक़ रखने वाले अरकान और वुज़रा अपने मंसूबे की कामयाबी पर ख़ुश नज़र आरहे थे।
एवान की कार्रवाई दस बजे दिन शुरू हुई, तेलंगाना और सीमांध्र इलाक़ों से ताल्लुक़ रखने वाले अरकाने असेंबली, जो अपने हाथों में प्ले कार्ड थामे हुए थे, नारा बाज़ी करते हुए स्पीकर के शहि नशीन के क़रीब पहुंच गए।
तेलंगाना अरकान ने अलाहिदा रियासत की ताईद और सीमांध्र अरकान ने मुत्तहदा रियासत की ताईद की। एवान की कार्रवाई को निस्फ़ घंटे के लिए दो मर्तबा मुल्तवी किया गया, जिस के बावजूद नज़म-ओ-ज़बत बहाल नहीं होसका, चुनांचे दोपहर दो बजे मीटिंग को पीर तक मुल्तवी कर दिया गया।
वाज़िह रहे कि सदर जमहूरीया हिंद ने पिछ्ले शब तेलंगाना बिल का मुसव्वदा रियासती हुकूमत को रवाना किया था और दस्तूर की दफ़ा 3 के तहत रियासती की तक़सीम पर असेंबली की राए तलब की थी।
उन्होंने इस बिल की वापसी के लिए 23 जनवरी तक वक़्त दिया है। अगरचे ये तवक़्क़ो की जा रही थी कि बिल का मुसव्वदा आज एवान में पेश किया जाएगा, लेकिन अरकान मुक़न्निना के शोर-ओ-गिल ने रस्मी ज़ाबता की तकमील की इजाज़त नहीं दी।
ज़राए ने कहा कि एवान में की जाने वाली बेहस को मल्हूज़ रखते हुए चीफ़ मिनिस्टर इस मसले पर मज़ीद वक़्त देने के लिए सदर जमहूरीया से दरख़ास्त भी करसकते हैं।
इस सूरते हाल के पेशे नज़र एवान में तेलंगाना बिल की पीशकशी तात्तुल का शिकार हो गई है, क्यूंकि दोनों इलाक़ों से ताल्लुक़ रखने वाले अरकाने असेंबली एवान की कार्रवाई में मुसलसिल ख़ललअंदाज़ी कर रहे हैं।