आंध्र प्रदेश असेम्बली की कार्रवाई पीर के रोज़ बिना किसी चर्चा के दिनभर के लिए मुल्तवी कर दी गई। तेलंगाना से मुताल्लिक वुजराओं ने विधानसभा स्पीकर की कुर्सी घेर ली और वज़ीर ए आला एन किरण कुमार रेड्डी की तरफ से दिए गये नोटिस रद्द करने की मांग की। हंगामे की वजह से स्पीकर एन मनोहर को सदन की कार्रवाई तीन बार मुल्तवी करनी पडी।
नायब वज़ीर ए आला दामोदर राजनरसिम्हा और सीनीयर वज़ीर के जना रेड्डी ने भी अपनी नशिस्त से उठ कर मुखालिफत दर्ज कराये।
वज़ीर ए आला ने 25 जनवरी को स्पीकर को नोटिस देकर आंध्र प्रदेश तश्कील नौ बिल 2013 को मुस्तरद करने के लिए एक तजवीज लाने की मांग की थी। रियासत की तक्सीम की मुखालिफत कर रहे किरण रेड्डी चाहते हैं कि सदन यह बिल सदर जम्हूरिया को वापस भेज कर इसे पार्लियामेंट में पेश न किए जाने की गुजारिश करे। तेलंगाना के लीडरों की दलील है कि सदर जम्हूरिया ने सिर्फ राय मांगी है और इसमें वोटींग की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि असेम्बली के पास सदर जम्हूरिया की तरफ से भेजे गए किसी बिल को पास करने का इख्तेयार नहीं है। सदर जम्हूरिया ने आईन के आर्टिकल तीन के तहत राय बनाने के लिए यह बिल पिछले महीने रियासत की असेम्बली को भेजा था। इसे वापस करने की तारीख बढा कर 30 जनवरी कर दी गई है।
पीर के रोज़ असेम्बली में कार्रवाई शुरू होते ही तेलंगाना के लीडर अपनी-अपनी सीट से उठ गए और नोटिस रद्द करने की मांग करने लगे। उनका इल्ज़ाम था कि वज़ीर ए आला ने काबीने के फैसले के बिना ही नोटिस भेज दिया है। इस हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई पहले आधा घंटे और उसके बाद दोबारा एक घंटे के लिए मुल्तवी कर दी गई। कार्रवाई शुरू होने पर हालात बरकरार रही जिसके बाद सदन को मंगल तक के लिए मुल्तवी कर दी गयी ।
कानूनसाज़ में भी तेलंगाना के अराकीन असेम्बली (MLAs) ने हंगामा किया। स्पीकर ए चक्रपाणि ने सदन की कार्रवाई पहले आधे घंटे के लिए मुल्तवी की। इसके बाद तेलंगाना के वुजराओ ने स्पीकर से मुलाकात की और धर्मादा सी रामाचंद्रैया की तरफ से तंज़ीम नौ बिल के ताल्लुक में दी गयी नोटिस को खारिज करने की मांग की।
रामाचंद्रैया ने इस नोटिस को वापस लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने नामानिगारो से कहा कि यह कदम सदर जम्हूरिया के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा,हम अपनी राय तजवीज के तौर पर भेजना चाहते हैं, और इसे खारिज करते हैं।