हैदराबाद: तेलंगाना में मकरसंक्रांति त्योहार के तीन दिवसीय जश्न के पहले दिन सोमवार को जश्न और खुशियां के साथ भोगी की रस्म और ख़ुशीयां मनाई गईं। परंपरागत रूप से भोगी मिंटा में सूर्योदय पर पुरानी लकड़ियाँ , बेकार लकड़ी का साज़-ओ-सामान जला दिया जाता है।
उस दिन पुराने कपड़े और अन्य सामान को फेंक दिया जाता है और नई शुरूआत की जाती है , जिससे ये शगून लिया जाता है कि पुरानी बुराईयां और आदत छोड दी गई हैं। शाम के वक़्त बच्चे अपने घरों में आयोजित होनेवाली परंपरागत समारोह में देसी बीयर अपने बदन पर डालते हैं ,दूसरा दिन संक्रांति का होता है जिसमें बुजुर्गों और बड़ों को पारंपरिक भोजन पेश किया जाता हैं। तीसरा दिन कनोमा का होता है जिसमें पशुओं की पूजा की जाती है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कल सिकंदराबाद परेड ग्रांऊडस पर पारंपरिक पतंग महोत्सव का उद्घाटन किया था।