हैदराबाद: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि तेलंगाना में मुस्लिमों को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य सरकार के फैसले की कोई संवैधानिक वैधता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम का मकसद चुनावी फायदे के लिए मतदाताओं को ‘लुभाना’ था।
जुटे नकवी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जानते हुए कि धर्म आधारित आरक्षण देना संभव नहीं है, कुछ पार्टियों का इस तरह के फैसले के साथ सामने आना केवल ‘मतदाताओं को लुभाने’ के लिए है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, “हर कोई यहां तक कि KCR और कांग्रेस पार्टी भी जानती है कि धर्म के आधार पर किसी तरह का आरक्षण देना संभव नहीं है।” नकवी ने कहा, “पहली बात यह है कि संविधान इस तरह के आरक्षणों की अनुमति नहीं देता।” इस संबंध में TRS प्रमुख और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के वायदे पर प्रतिक्रिया दी।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “लोगों को ऐसी बातों को लेकर जागरुक रहने की जरूरत है।” गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा ने मुस्लिम समुदाय के पिछड़े वर्गों के लिए नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण को चार प्रतिशत से बढ़ा कर 12 प्रतिशत करने के संबंध में एक विधेयक पारित किया था। इस विधेयक को केंद्र की मंजूरी मिलना अभी बाकी है।