बी जे पी ने आज हिंदुस्तान की 29 वीं रियासत की हैसियत से तेलंगाना की तशकील केलिए यू पी ए हुकूमत को ज़बरदस्त तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि यू पी ए हुकूमत ने इस सिलसिले में कई अहम क़ाइदीन को एतिमाद में नहीं लिया।
मौकापरस्त कांग्रेस तेलंगाना केलिए इतनी संजीदा नहीं है जितना कि आइन्दा साल होने वाले इंतिख़ाबात केलिए। यू पी ए हुकूमत का फ़ैसला आइन्दा साल के इंतिख़ाबात पर नजर रख कर ही किया गया है। बी जे पी तर्जुमान प्रकाश जावडेकर ने कहा कि ख़ुद कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के क़ाइदीन को एतिमाद में नहीं लिया।
ख़ुद उनका वज़ीर-ए-आला भी बाग़ी होचुका है। कांग्रेस के वज़रा अलाहदा होरहे हैं जिससे ये ज़ाहिर होजाता है कि कांग्रेस ने आइन्दा साल होने वाले इंतिख़ाबात पर नज़र रखते हुए मौकापरस्ती की सियासत खेली। जावडेकर ने कहा कि आंध्र प्रदेश की तक़सीम के मुआमले से निमटने केलिए कांग्रेस ने कोई म पालिसी नहीं अपनाई और सूरत-ए-हाल बिल्कुल बिगड़ चुकी है।
अगर कांग्रेस चाहती तो इस मुआमले को इंतिहाई पुरविक़ार अंदाज़ में भी हल करसकती थी लिहाज़ा अब तो यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने जो बोया वही उसे आगे चल कर काटना पड़ेगा। बबूल के पेड़ पर आम तो नहीं लग सकते ! सीमा आंध्रा ख़ित्ता में शदीद बेचैनी पाई जाती है।
कांग्रेस का फ़र्ज़ था कि वो सीमा आंध्रा अव्वाम को समझाती कि उन्हें जो ख़दशात लाहक़ हैं उनका अज़ाला किया जाएगा। रियासत की तक़सीम से उनके (सीमा आंध्रा) मुफ़ादात मुतास्सिर नहीं होंगे ताहम कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया। मर्कज़ी वज़ीर सयाहत के चिरंजीवी ने मर्कज़ी काबीना की जानिब अलाहदा तेलंगाना रियासत की तशकील की मंज़ूरी दिए जाने के ख़िलाफ़ अपना इस्तीफ़ा पेश कर दिया है।
रिपोर्टस के मुताबिक़ चिरंजीवी ने जिनका ताल्लुक़ साहिली आंध्रा से है। वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर को अपना इस्तीफ़ा रवाना कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि वो आज वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करेंगे। दीगर तीन मर्कज़ी वज़रा एम एम पल्लम राजू के एस राव और सूर्य प्रकाश रेड्डी ने भी इस्तीफ़ा की पेशकश की।