तेलंगाना सरकार जल्द ही मुस्लिमों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा के लिए एक कानून लाएगी और केंद्र सरकार पर इस कानून को संविधान की नवीं सूची में शामिल करने के लिए दबाव डालेगी।
चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा की वो जनसंख्या के अनुपात को देखते हुए मुसलमानो को आरक्षण प्राप्त कराएंगे। और अगर केंद्रीय सरकार द्वारा उनके कानून को रद्द कर दिया गया तो प्रदेश कानूनी लड़ाई लड़ेगा। राव ने प्रदेश सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की तेलंगाना मुसलमानों को 12 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त करवाने के लिए तमिल नायडू का नमूने का पालन करेगा।
उन्होंने साफ़ करते हुए कहा की आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन को देखते हुए दिया जाएगा। राव ने कहा कि मुसलमानो की आबादी के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत से भी ऊपर लोगो को आरक्षण की ज़रूरत है और इतनी हि सीमा उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित की गयी है इसलिए इसमें सांविधानिक संशोधन की ज़रूरत है। बजट सेशन में सदन द्वारा बिल पास हो जायेगा फिर उस कानून को केंद्र के पास इस आवेदन से भेजा जायेगा की इसको संविधान की नवी सूची में शामिल किया जाये।
राव का कहना है कि वे तमिलनाड्यू के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। अगर तमिलनाडु में आरक्षण दे दिया गया और साथ में नवे सूची में शामिल भी कर दिया गया तो तेलंगाना को क्यूं नहीं दिया जायेगा। हम।आरक्षण सुविधा अपने राज्य में प्राप्त करा कर रहेंगे। तेलंगाना के समाज में 85 प्रतिशत लोग कमज़ोर तबके है इसलिए हमे आरक्षण की आवश्यकता है
जैसा की तमिलनाडु के नवी सूची के कानून समावेशन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। वेसे ही तेलंगाना भी इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जायेगा। एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की बात को दोहराते हुए मुख्यमंत्री राव ने कहा की फिलहाल 4 प्रतिशत आरक्षण को कोई खतरा नहीं है क्यूंकि 50 प्रतिशत सीमा के अंदर है।