तेलंगाना से अलैहदगी के बाद सीमा आंध्र के दार-उल-हकूमत पर इख़तेलाफ़ात

दार-उल-हकूमत के मसले पर सीमा। आंध्र के क़ाइदीन में फूट पड़ने के आसार पैदा हो गए हैं। साहिली आंध्र के क़ाइदीन राइलसीमा के अवाम को मनाने और उन्हें मुत्तहदा आंध्र की तहरीक में साथ रखने के लिए हर मुम्किन कोशिश कर रहे हैं, जबकि राइलसीमा के क़ाइदीन आंध्र के साथ मिल कर रहने के लिए तैयार नहीं हैं। आज सीमा। आंधरा के क़ाइदीन ने अपना अलहदा मीटिंग तलब किया, मगर रियासत की तक़सीम ज़रूरी हो गई तो राइलसीमा के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ का जायज़ा लिया।

ज़राए के बमूजब राइलसीमा के क़ाइदीन को साहिली आंध्र के क़ाइदीन पर भरोसा नहीं है, इन का कहना है कि मद्रास से अलहिदगी के बाद सीमा।

आंध्र का दार-उल-हकूमत करनूल था, ताहम तेलूगू अवाम के इतेहाद के लिए उन्होंने तेलंगाना से मिलने का ना सिर्फ़ इतेफ़ाक़ किया, बल्कि अपने दार-उल-हकूमत की क़ुर्बानी देते हुए हैदराबाद को दार-उल-हकूमत बनाने से इत्तेफ़ाक़ किया था।

अलहदा तेलंगाना रियासत की तशकील के बाद सब से ज़्यादा नुक़्सान राइलसीमा का होगा, इसी लिए दुबारा कुरनूल को दार-उल-हकूमत बनाने, मर्कज़ से पैकेज हासिल करने और पानी का मसला हल करने के लिए मर्कज़ी हुकूमत पर दबाव‌ डालने का फ़ैसला किया गया है।

दरीं असना राइलसीमा क़ाइदीन के मीटिंग से साहिली आंध्र के क़ाइदीन में बेचैनी फैल गई है। राइलसीमा से ताल्लुक़ रखने वाले तीन रियास्ती वुज़रा अहमद उल्लाह, टी जी वेंकटेश और ई प्रताप रेड्डी के अलावा पाँच अरकान असेंबली और दुसरे क़ाइदीन ने मीटिंग में शिरकत की, ताहम मुत्तहदा आंध्र की तहरीक में अहम रोल अदा करने वाले शैलजा नाथ और रियास्ती वज़ीर-ए-ज़राअत एन रग्घू वीरा रेड्डी ने मीटिंग में शिरकत नहीं की।

बावसूक़ ज़राए के बमूजब साहिली आंध्र से ताल्लुक़ रखने वाले वुज़रा ने राइलसीमा के क़ाइदीन को अलहदा मीटिंग तलब ना करने का मशोदा देते हुए कल सीमा।

आंध्र के क़ाइदीन का मुत्तहदा मीटिंग तलब करते हुए मुस्तक़बिल की हिक्मत-ए-अमली तैयार करने का याकिन दिया था, इस के बावजूद राइलसीमा के क़ाइदीन ने अपना अलहदा मीटिंग तलब किया।
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