तेलंगाना से बी जे पी के मुकम्मिल ख़ातमा का अह्द

हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा के इलाक़ा गंगानगर के क़रीब मुनाक़िदा मजलिस बचाव‌ तहरीक के चुनाव जल्सा-ए-आम में इंसानी सुरों का सेलाब उमड आया।

मजीद उल्लाह ख़ां फ़र्हत उम्मीदवार हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा ने अपने वलवला अंगेज़ ख़िताब के दौरान मिल्लत मज़लोमा से अपील की के वो अपनी मज़लूमियत के ख़ातमा के लिए मजलिस बचाव‌ तहरीक को कामयाब बनाईं क्युंकि वो ख़ुद मज़लूम अवाम की शनाख़्त बन चुके हैं।

मुजाहिद मिल्लत मजीद उल्लाह ख़ां फ़र्हत ने कहा कि जो इन्क़िलाब हलक़ा याक़ूतपूरा से उठा है वो ना सिर्फ़ तेलंगाना के तमाम इलाक़ों तक पहुंचेगा बल्कि आइन्दा पाँच बरसों में इस इन्क़िलाब की गूंज लाल क़िला की फ़सीलों से टकराएगी।

उन्होंने बताया कि मज़लूम पर ज़ुलम की इंतिहा के बाद एक वक़्त आता है कि ज़ालिम को छपने के लिए कोई जगह मयस्सर नहीं आती , आज यही सूरते हाल हलक़ा असेंबली याक़ूतपूरा में पैदा होचुकी है और इसे बरक़रार रखते हुए मजलिस बचाव‌ तहरीक को कामयाब बनाने की ज़िम्मेदारी क़ौम-ओ-मिल्लत के हर उस फ़र्द की है जो ये चाहता हैके मिल्लत के मासूम बच्चों के हाथों में औज़ार के बजाये क़लम हो , जो ये चाहता हैके ग़रीब मुसलमानों की पसमांदगी का ख़ातमा हो , जो ये चाहता है कि मिल्लते इस्लामीया की सरबुलन्दी के लिए जद्द-ओ-जहद की राह इख़तियार की जाये।

मुसलमानान हैदराबाद पर इस बात की ज़िम्मेदारी आइद होती है कि वो इस इलाके के पसमांदा अवाम को तरक़्क़ी दिलाने के लिए अपना तआवुन वोट के ज़रीये करते हुए सदाए हक़ बुलंद करने वाले उम्मीदवार को कामयाब बनाने के लिए कोई कासर बाक़ी ना रखें । मुजाहिद मिल्लत ने अपने जज़बाती ख़िताब के दौरान मजलिस बचाव‌ तहरीक पर बी जे पी से साज़ बाज़ पर इल्ज़ाम लगाने वालों को ललकारते हुए अल्लाह ताआला से दुआ की कि ए अल्लाह तेरी सिफ़ात में जब्बारियत-ओ-क़ह्हारियत शामिल हैं, तुझे तेरी जब्बारियत-ओ-क़ह्हारियत का वास्ता के अगर मुझ पर जो इल्ज़ाम लगा रहे हैं वो झूट हैं तो इल्ज़ाम लगाने वालों को तबाह वो ताराज करदे।

उन्होंने बताया कि वो चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, उनकी जंग सियासी है और इस सियासी जंग में मसाइल पर गुफ़्तगु होनी चाहीए लेकिन मुख़ालिफ़ीन जिस अंदाज़ से शख़्सी हमले करते हुए उन्हें निशाना बना रहे हैं इस से क़ौम को इस बात का अंदाज़ा होचुका है कि मसाइल पर गुफ़्तगु करने के लिए अब जमात की बुनियाद पर वोट मांगने वालों के पास कोई मौज़ू नहीं है।