तेलंगाना असेंबली में आज तेलुगु देशम के 10 अरकान को बजट सेशन के इख़तेताम तक एवान से मुअत्तल कर दिया गया। हफ़्ते को गवर्नर के ख़ुतबा के दौरान हंगामा आराई और क़ौमी तराने की मुबय्यना तौहीन के सिलसिले में ये कार्रवाई की गई। तेलुगु देशम अरकान ने इस मसले पर माज़रत ख़्वाही से इनकार कर दिया जिस के बाद वज़ीर उमूर मुक़न्निना हरीश राव ने मुअत्तली की क़रारदाद पेश की जिसे मंज़ूर करलिया गया।
इस मसले पर कांग्रेस के एक रुकन संपत कुमार ने माज़रत ख़्वाही करूं और वो मुअत्तली की कार्रवाई से बच गए। शोर-ओ-गुल और हंगामा आराई के दौरान तेलुगु देशम अरकान को मार्शलों के ज़रीये एवान से बाहर लेजाया गया। बी जे पी ने तेलुगु देशम अरकान की मुअत्तली की मुख़ालिफ़त करते हुए एवान से वाक आउट कर दिया जबकि कांग्रेस ने मुअत्तली की मुद्दत में कमी की सिफ़ारिश की। ताहम हुकूमत ने उसे मंज़ूर नहीं किया।
एवान की कार्रवाई के आग़ाज़ के साथ ही तेलुगु देशम अरकान एससी एसटी तबक़ात से नाइंसाफ़ी के मसले पर एहतेजाज करते हुए एवान के वस्त में पहुंच गए। एहतेजाजी अरकान के हाथों में पले कार्ड्स थे जिन पर हुकूमत की तरफ से माला माद्दीगा तबक़ात से नाइंसाफ़ी का इल्ज़ाम आइद किया गया था।
हुकूमत ने तेलुगु देशम अरकान से अपील की के वो हफ़्ते के दिन पेश आए वाक़िये पर ग़ैर मशरूत माज़रत ख़्वाही करें। ताहम फ़्लोर लीडर तेलुगु देशम ई दयाकर राव ने माला माद्दीगा तबक़ात से की जा रही नाइंसाफ़ीयों का मसला उठाया। एवान में शोर-ओ-गुल और नारा बाज़ी के दरमयान वज़ीर उमूर मुक़न्निना हरीश राव ने 10 अरकान की मुअत्तली की क़रारदाद पेश की जिसे नदाई वोट से मंज़ूर करलिया गया। मुअत्तली के बावजूद तेलुगु देशम अरकान स्पीकर के पोडियम के क़रीब नारा बाज़ी करते रहे, जिस पर मार्शलों को तलब करलिया गया। कई अरकान को मार्शलस अपने हाथों पर उठाकर एवान से बाहर ले गए।
जिन अरकान को मुअत्तल किया गया, इन में तेलुगु देशम फ़्लोर लीडर ई दयाकर राव, रेवंथ रेड्डी , ए गांधी , एम गोपी नाथ , कृष्णा राव , प्रकाश गौड़ , राजिंदर रेड्डी, एस वेंकट वीरया, विवेकानंद और जी साइना शामिल हैं।
पार्टी के दो अरकान मनुच्ची रेड्डी किशन रेड्डी और आर कृष्णया एवान से ग़ैर हाज़िर थे। एवान की कार्रवाई से पहले हफ़्ते के दिन की हंगामा आराई पर फ़्लोर लीडर्स का मीटिंग तलब किया गया था। मीटिंग में किए गए फ़ैसले के मुताबिक़ वज़ीर उमूर मुक़न्निना ने क़ौमी तराने की तौहीन के ज़िम्मेदार अरकान से माज़रत ख़्वाही का मुतालिबा किया।
क़ौमी तराने की तौहीन के सिलसिले में क़वानीन मौजूद हैं जिस के तहत तीन साल की क़ैद भी होसकती है। जाना रेड्डी ने भी सेशन के इख़तेताम तक मुअत्तली के फ़ैसले पर नज़रसानी की तजवीज़ पेश की। चीफ़ मिनिस्टर चन्द्रशेखर राव ने मुदाख़िलत करते हुए मुअत्तली के फ़ैसले को दरुस्त क़रार दिया।