तेलुगू रोज़नामा साक्षी में रमज़ान टाईम्स कालम की मक़बूलियत

आज के दौर में दीन इस्लाम को कई एक चैलेंजेस का सामना करना क‌र रहा है। इस्लाम और मुसलमानों की शबेहा को बदनाम करने के लिए नित नए तरीक़े इस्तेमाल किए जा रहे हैं और इस काम में ज़राए इबलाग़ एक सरगर्म रोल अदा करता नज़र आरहा है।

मुआशरे के हर छोटे बड़े वाक़ियात और हादिसात को सहाफ़ती इदारे और इस से ताल्लुक़ रखने वाले चंद परागंदा ज़हनों के मालिक अश्ख़ास के ज़रीये रास्त इस्लाम और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।

इन तमाम तनाज़ुर में सहाफ़त जैसे अहम इदारे में मुसलमानों की ज़रूरत वक़्त का अहम तक़ाज़ा है। इस ज़िमन में रियासत के तेलुगू अख़बारात में सर-ए-फ़हरिस्त रोज़नामा साक्षी के बांसवाड़ा स्टाफ़ रिपोर्टर शेख़ मुही उद्दीन ( उर्फ़ मुईन उद्दीन ) और ज़िला निज़ामबाद डिस्ट्रिक्ट साक्षी इंचार्ज फ़ज़ल उद्दीन ने मुशतर्का तौर पर ख़ूबसूरत अंदाज़ में अलफ़ाज़ को जामि पैकर पहनाकर कर पूरे रमज़ान उल-मुबारक के दिनें में दीन इस्लाम की बुनियादी मालूमात को अपने मख़सूस कालम रमज़ान टाईम्स में अवाम के सामने उजागर किया।

इस कालम में दीन के अहम फ़राइज़ जैसे कलमा तौहीद, इस्लाम का पैग़ाम और इस के माना , नमाज़, रोज़ा, हज , ज़कात के साईंसी और दीनी फ़ज़ाइल, अनबया-ए-किराम का दुनिया में तशरीफ़ लाना, हुज़ूर अकरम (स०) की विलादत से लेकर वफ़ात तक दुनिया के लिए बाइस रहमत बनना, आप का बातिल के ख़िलाफ़ और हक़ के लिए ग़ज़वात में हिस्सा लेना, क़ुरआन-ए-पाक का वक़्त नुज़ूल से लेकर ताक़यामत सारी दुनिया के लिए रहनुमाई का ज़रीया, जिहाद का असली मक़सद और माना, दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ इस्लाम का सख़्त रवैय्या, इस्लाम का पैग़ाम बिरादरान वतन के लिए, ईदैन के मौके पर मुसलमानों की तरफ से ग़रीबों और मुहताजों की मदद का तज़किरा किया गया।

इस ज़िमन में शेख़ मुही उद्दीन उर्फ़ मुईन उद्दीन और फ़ज़ल उद्दीन के कालमों की अवाम और उलमाए किराम की तरफ से ख़ूब दाद वतहसीन और सताइश की जा रही है।