त्रिपुरा: नोट बंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नकदी विहीन के लेन-देन के प्रस्ताव पर सुझाव देने के लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार को प्रसताव दिया था जिसको उनहोंने ठुकरा दिया है. माणिक सरकार ने मोदी के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा कि इस समिती से कुछ नहीं होने वाला.
नेशनल दस्तक के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात संवाददाताओं से कहा प्रधानमंत्री की सलाह पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को मुझे फोन किया और मुझसे बड़े पैमाने पर नकदी विहीन लेन-देन के उपाय पर सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्रियों की समिति में शामिल होने का आग्रह किया था. मैंने वित्त मंत्री जेटली को कहा कि मैं समिति में रहने को इच्छुक नहीं हूं. उन्होंने कहा कि जेटली कह रहे थे कि विभिन्न राजनीतिक दलों के कुछ मुख्यमंत्री इस प्रस्तावित समिति में रहेंगे, जो देश में नकदी विहीन लेन-देन के लिए डिजिटाइजेशन के बारे में अपने सुझाव देगी.
मार्क्सजवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता सरकार ने कहा बगैर वैकल्पिक व्यवस्था किए बड़े नोटों को अचानक बंद कर देने से विशेषकर गरीबों सहित करोड़ों लोग गंभीर चिंताजनक स्थिति में आ गए हैं.
सरकार ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह 500 और 1000 रुपये के नोटों को तब तक इस्तेमाल करने की इजाजत दें, जब तक एटीएम में नए और छोटे नोट उपलब्ध नहीं हो जाते.