रांची : आदिवासी जमीन पर कब्जा दिलाने और घर खाली करने का नोटिस मिलने के विरोध में गुरुवार को हरमू बाइपास स्थित भारत माता चौक जाम कर रहे लोगाें पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. घटना करीब 11.40 बजे की है. लाठीचार्ज के बाद भाग रहे लोगों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर भी पीटा. इस दौरान एक दर्जन से अधिक लोगों को चोट लगी. घायलों में कई महिलाएं भी थीं.
इसके बाद करीब 12 बजे जाम समाप्त हो गया. लाठीचार्ज के विरोध में आक्रोशित लोगों ने एसडीओ आदित्य कुमार आनंद और पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसमें पुलिस के तीन जवानों को भी चोटें आयी हैं. पत्थरबाजी और लाठीचार्ज में कुछ राहगीरों को चोटें लगी है. पत्थरबाजी के दौरान घटना का कवरेज कर रहे एक रिपोर्टर को भी चोट लगी है. जाम करने वालों में यमुना नगर, शास्त्री नगर, श्रीनगर, विद्या नगर और दूसरे इलाके के महिला और पुरुष शामिल थे. लोगों ने सुबह 8.30 बजे हरमू चौक को जाम किया था. पुलिस के पहुंचने के बाद लोग भारत माता चौक पहुंचे और सड़क जाम की. लोगों का कहना था कि उन्होंने एक-एक रुपये जुटा कर आदिवासियों से वर्षों पूर्व जमीन खरीदी थी. जमीन खरीदने के लिए एग्रीमेंट भी किया. अब जिला प्रशासन की ओर से घर खाली करने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है.
कुछ लोगों के घर में ताला बंद कर आदिवासी को दखल-कब्जा भी दिया जा चुका है. हमने जमीन खरीदने और घर बनाने में रुपये लगाये हैं. ऐसी स्थिति में हम कहां जायेंगे. जिला प्रशासन घर खाली करने के आदेश को वापस लें. आदेश वापस लेने और सीएनटी एक्ट का विरोध करते हुए महिला और पुरुष सबसे पहले सुबह हरमू चौक पहुंचे थे और वहां सड़क जाम की. जब जाम करने वाले को वहां से हटाया. तब आक्रोशित लोग सुबह करीब 10.10 बजे हरमू बाइपास स्थित धरना पर बैठ गये.
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोग बीच सड़क पर बैठ गये. सड़क पर टायर जला कर आवागमन बाधित कर दिया. वाहन चालकों से धक्का-मुक्की की. सूचना मिलने पर एसडीओ आदित्य कुमार आनंद, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, कोतवाली और हटिया डीएसपी सदल-बल वहां पहुंचे. अधिकारियों ने कहा, मेमोरेंडम दें, पर नहीं माने लोग : जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने जाम कर लोगों से कहा कि आप सरकार के पास अपनी मांग संवैधानिक तरीके से रखें. लेकिन लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया. महिलाएं एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर बीच सड़क पर बैठ गयीं.
भीड़ करीब 11: 30 बजे बेकाबू होने लगी. तब प्रशासन की ओर से एनाउंसमेंट कर लोगों से कहा गया कि आदिवासी जमीन वापसी से संबंधित एसएआर कोर्ट का जो निर्णय हुआ है, जिसके आधार पर लोगों को घर खाली करने का नोटिस भेजा जा रहा है, उसकी समीक्षा होगी. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी. लेकिन जिनके घर पर आदिवासी को दखल-कब्जा दिलाया जा चुका है, वे अपने घर में नहीं रह सकते हैं. आप लोग मामले में मेमोरेंडम तैयार कर दें. मामले की जानकारी सरकार तक दी जायेगी. इसके बावजूद आक्रोशित लोग मानने को तैयार नहीं हुए. भीड़ को बेकाबू होता देख एसडीओ की उपस्थिति में पुलिस जवानों ने लाठीचार्ज किया़
एक दर्जन से अधिक महिला व पुरुषों को लगी चोटें