दरगाह की ओक़ाफ़ी अराज़ी नाक़ाबिल-ए- फ़रोख़त

इंतिज़ामी कमेटी दरगाह हज़रत हुसैन शाह वली (र) ने इस दरगाह के तहत आराज़ीयात को वक़्फ़ क़रार देने से मुताल्लिक़ आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट के तारीख़ साज़ फ़ैसला का ख़ौर मक़दम किया है। इंतिज़ामी कमेटी के ज़िम्मेदारों ने कहा है के इस कमेटी की नुमाइंदगी करते हुए इस के सदर जनाब सय्यद अफ़ज़ल मह्दी ने 1500 एकऱ् 6 गुंटा अराज़ी की वक़्फ़ अराज़ी पर क़बज़ा की बाज़याबी के लिए आंधरा प्रदेश वक़्फ़ ट्रब्यूनल में दरख़ास्त दायर की थी,

जिस पर ट्रब्यूनल ने उबूरी अहकाम जारी करते हुए मणी कोंडा जागीर की मज़कूरा आराज़ीयात पर किसी मुआमलत या उन्हें रहन रखने से माईक्रो साफ़्ट, लिनकोहिलज़, वीपरो, इंडियन बिज़नस स्कूल और दीगर मुदईयान अलैहि को असल मुक़द्दमा के मुकम्मल तसफ़ीया तक बाज़ रहने का हुक्म दिया था। बाद अज़ां उन कॉरपोरेट इदारों ने वक़्फ़ ट्रब्यूनल के अहकाम को कलअदम करने के लिए आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट में दरख़ास्त दायर की थी जो मुस्तर्द करदी गई।

इंतिज़ामी कमेटी के सदर जनाब सय्यद अफ़ज़ल मह्दी ने कहा है के अदालत उल आलिया के इस तारीख़ साज़ फ़ैसला की रु से ये साबित होगया है के मज़कूरा ओक़ाफ़ी जायदादें फ़रोख़त नहीं की जा सकतीं। मज़ीदबरआँ वहां रिहायशी मक़ासिद के तहत इमारतों की तामीर भी ममनूआ क़रार पाती है। इंतिज़ामी कमेटी ने अपने सदर सय्यद अफ़ज़ल मह्दी को उन की कामयाब क़ानूनी जद्द-ओ-जहद पर मुबारकबाद दी है।