तानडोर, १५ दिसम्बर: (सियासत डस्टर न्यूज़) हुसेन सागर ऐक्सप्रैस ट्रेन की ज़द में आकर अपने पैर से माज़ूर तानडोर ज़िला हस्पताल में ज़ेर-ए-इलाज नौजवान मरीज़ सैयद मिजो उर्फ़ इला-ए-उद्दीन साकन चीता पर कर्नाटक की जब अचानक शदीद बुख़ार की वजह से तबईत बिगड़ गई तो डयूटी नर्स से तशख़ीस के लिए कहा गया तो डयूटी नर्स ने सख़्त कलामी करते हुए मज़कूरा नौजवान के वालिद सय्यद हैदर से कहा कि अपने लड़के का दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो ज़हर का इंजैक्शन ले लो। सय्यद हैदर ने नुमाइंदासियासत को तफ़सीलात बताते हुए कहा कि इन का लड़का तक़रीबन दो माह से दवाख़ाना में ज़ेर-ए-इलाज है । कल शब शदीद बुख़ार में मुबतला था तब सैयद हैदर ने डयूटी नर्स से इल्तिजा की कि इन के लड़के की तशख़ीस करते हुए दर्द इफ़ाक़ा के लिए दवाईयां दे ।
हैदर के मुताबिक़ उन की इल्तिजा-ए-पर मज़कूरा नर्स ब्रहमी ज़ाहिर करते हुए कहा कि ज़रा ज़रा सी बात पर तंग करने आजाते हो। अगर बेटे का दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो अपने बेटे से कह दो कि ज़हर का इंजैक्शन ले लो । नर्स की बदकलामी पर जब हैदर ने एहतिजाज किया तो सैक्योरिटी गार्ड के ज़रीया उन को बाहर ढकेल दिया गया और उन का नौजवान पैर से माज़ूर लड़का रात भर दर्द को बर्दाश्त करते हुआ अपनी बेबसी पर रोता रहा ।
सुबह सैयद हैदर ने नुमाइंदा सियासत को फ़ोन के ज़रीया तफ़सीलात बताई तो नुमाइंदा ने दवाख़ाना पहुंच कर मज़कूरा नर्स से रब्त पैदा करना चाहा ताहम मज़कूरा नर्स से रब्त पैदा होसका । मरीज़ों से बदसुलूकी बदकलामी और तसाहली का ये अनोखा वाक़िया नहीं है । तानडोर के ज़िला हस्पताल में इस तरह के वाक़ियात हर रोज़ पेश आते हैं और इंतिज़ामी कमेटी जो ज़िला कलेक्टर की ज़ेर-ए-क़ियादत काम कररही है जिस में रुकन असैंबली-ओ-दीगर मुक़ामी क़ाइदीन भी शामिल है बराबर इजलास मुनाक़िद करती रहती है और दवाख़ाना की ख़िदमात को बेहतर से बेहतर बनाने के मंसूबे भी बनाए जाते हैं लेकिन रूबा अमल नहीं लाया जाता । मुहम्मद हैदर ने बताया कि वो डयूटी नर्स के नाज़ेबा बरताव् पर दवाख़ाना के सपरनटनडनट डाक्टर लो क्या नायक को तहरीरी शिकायत दाख़िल की है जिस पर उन्हें मुनासिब कार्रवाई का तीक़न दिया गया है ।
तानडोर के ज़िला हस्पताल में एक और संगीन मसला दरपेश है जिस के नतीजा में तानडोर-ओ-अतराफ़ अकनाफ़ के ग़रीब मरीज़ों को मुश्किलें पेश आरही हैं क्योंकि गुज़शता चार माह से ऐक्सरे फ़िल्म की क़िल्लत की वजह से सरकारी दवाख़ाना में मौजूद एक्सरे मशीन ग़ैर कारकरद होगई है और मरीज़ों को ऐक्सरे के लिए बाहर भारी क़ीमत दे कर ऐक्सरे हासिल करना पड़ रहा है । ऐक्सरे टेक्नीशन से इस्तिफ़सार किया गया तो टेक्नीशन श्री निवास ने बताया कि मज़कूरा दवाख़ाना में रोज़ाना 300से ज़ाइद एक्सरे की फिल्में दरकार है जब कि महिकमा उन्हें 50फिल्में फ़राहम कररहा है ।
सुपरीटेंडेंट की हिदायत पर सिर्फ ऐम अलसी रिपोर्टस के लिए ही ऐक्सरे निकाला जा रहा है । ताहम अवाम का मुतालिबा है कि महिकमा-ए-सेहत के ओहदेदार फ़ौरन ऐक्सरे फ़िल्म फ़राहम करते हुए ऐक्सरे मशीन को कारकरद बनाईं । यहां ये ज़िक्र बेजा ना होगा कि मज़कूरा दवाख़ाना में मौजूद सिटी असकयान के लिए लोगों से 350 ता 500 रुपय तलब किए जा रहे हैं । अगर दवाख़ाना की इंतिज़ामी कमेटी सिटी स्कैन् से हासिल करदा रक़म के ज़रीया एक्सरे की फिल्में हासिल करलीं तो मसला की यकसूई मुम्किन है ।
दूसरी तरफ़ मज़कूरा दवाख़ाना में सफ़ाई के नाक़िस इंतिज़ामात और अमला का मरीज़ों के साथ नामुनासिब बरताव 200बिस्तर वाले सरकारी ज़िला हस्पताल को एक वीरान खन्डर में बदलता जा रहा है । ज़िला क्लेक्टर-ओ-रुकन असैंबली बारहा दवाख़ाना का दौरा करते हैं ताहम हालात में किसी तरह की कोई तबदीली वाक़्य नहीं होती